Two brothers set up a nursery of exotic flowers

नक्सलियों के गढ़ में दो भाइयों ने लगाई विदेशी फूलों की नर्सरी, देख कर आप भी कहेंगे वाह

बिहार के जमुई जिले के नक्सल प्रभावित खैरा प्रखंड कभी नक्सलियों के हमले से अपनी पहचान रखता था। लेकिन, अब इस इलाके में कई ऐसे काम होने लगे हैं जिससे अलग पहचान बनने लगी है। इसी क्रम में क्षेत्र के दो किसान भाइयों ने भी कमाल कर दिया है। इन दोनों ने मिलकर एक-दो नहीं कई दर्जन प्रकार के देशी-विदेशी फूलों की नर्सरी लगा रखी है। यहां फ्रांस, जापान और अमेरिका के फूल के पौधे तैयार हो रहे हैं। इसे खरीदने ही नहीं बल्कि देखने के लिए भी लोग आते हैं।

जमुई जिले के खैरा प्रखंड का सिंगारपुर गांव के दो किसान भाई राम प्रसाद गुप्ता और मंटू अपने गांव की पहचान विदेशी फूलों वाली नर्सरी वाला गांव के रूप में दे चुके हैं। लगभग एक दशक के मेहनत के बाद इन दोनों भाई ने यह सफलता पाई है। जिससे ये लाखों कमा तो रहे ही हैं, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए लोगों को प्रकृति और पेड़ पौधों को नजदीक जाने का मौका भी दे रहे हैं।

Ram Prasad Gupta and Mantu have identified their village as a nursery village with exotic flowers
राम प्रसाद गुप्ता और मंटू अपने गांव की पहचान विदेशी फूलों वाली नर्सरी वाला गांव के रूप में दे चुके

फूलों और फलदार पौधों की खेती

ये दोनों भाई परंपरागत खेती से अलग होकर पर्यावरण संरक्षण के साथ जल जीवन हरियाली अभियान को आगे बढ़ाते हुए हजारों फूलों और फलदार पेड़ के पौधों की खेती कर रहे हैं। खास बात है कि यहां का पौधा दूसरे जगहों पर अधिक भेजे जाते हैं। जमुई जिले का यहां एक मात्र नर्सरी है जहां विदेसी फूल के पौधे तैयार होते हैं।

Cultivation of flowering and fruit plants
फूलों और फलदार पौधों की खेती

विदेशी फूलों की खेती शुरू की

इन दो किसान भाइयों की नर्सरी में देसी फूलों की कई प्रजाति के पौधे हैं ही दर्जनों प्रकार के विदेशी फूल भी हैं। खेती में कम फायदा को देख कमाने के लिए महानगरों में नहीं जाने को बेहतर मानते हुए ये दोनों भाई अपने खेत मे ही विदेशी फूलों की खेती शुरू की थी, जा आज रंग ला रही है।

Started cultivating exotic flowers
विदेशी फूलों की खेती शुरू की

सिंगारपुर गांव के फूलों वाली नर्सरी में अमेरिका, जापान और फ्रांस के फूल के पौधे बड़े पैमाने पर तैयार किये जाते हैं। जिनमें एंटीहेनम, सालविया, डेन्थस, कॉसमॉस, भरबेनिया, जिमिया, कैलेंडुला, सलसेया, जापानी मेरीगोल्ड के अलावा और भी विदेशी फ़ूलों के पौधे शामिल हैं।

Flower Nursery of Singarpur Village
सिंगारपुर गांव की फूलों वाली नर्सरी

फूलों की नर्सरी की ली ट्रेनिंग

मंटू की मानें तो उनके यहां फूलों के पौधों के साथ फलदार पेड़ के हजारों पौधों को इसके अलावा हर मौसम में लगने वाला सजावट का प्लांट, ऑक्सीजन देने वाला पौधा तैयार किया जाता है। जो पूरे जमुई जिला के अलावा भागलपुर, मुंगेर, नवादा के अलावा पड़ोसी झारखंड के देवघर और गिरिडीह तक जाता है।

Took training in flower nursery at Krishi Vigyan Kendra
कृषि विज्ञान केंद्र में फूलों की नर्सरी की ट्रेनिंग ली

किसान राम प्रसाद गुप्ता ने बताया कि सरकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत उसने कृषि विज्ञान केंद्र में फूलों की नर्सरी की ट्रेनिंग ली थी। जिसका नतीजा है कि वो इनके बारे में जाना और आज ये मुकाम पाया है, भविष्य में इसे और आगे बढ़ाने का प्लानिंग है।

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