बिहार में पीले सोने की लगी बम्पर बोली, 1.20 करोड़ में बिका 1.5 लाख का बालू, जानिए पूरा मामला
अगर किसी सामान को दोगुने दाम पर बेचा जाए तो निश्चित ही उसे मुनाफा कहा जाएगा। लेकिन अगर वहीं किसी चीज को 100 गुने दर पर बेचा जाए तो उसे सिर्फ मुनाफा नहीं बल्कि बंपर मुनाफा कहा जाएगा।
बिहार में ‘पीला सोना’ के नाम से मशहूर बालू की बिक्री का एक ऐसा ही अनोखा मामला छपरा जिले में देखने को मिला। जहां बालू की नीलामी में सरकार को करीब 100 गुना मुनाफा हुआ।

1 करोड़ 20 हजार में बिका 1.5 लाख रुपये का बालू
खबर यह है कि बिहार के छपरा जिले में 1.5 लाख रुपये का बालू 1 करोड़ 20 हजार में बिक गया। हालांकि खनन विभाग इसे वर्चस्व का मामला बता रहा है। इस मामले में जिला खनन विभाग द्वारा जब्त दावा रहित के नीलामी में बालू की वास्तविक कीमत से 65 गुना अधिक की बोली लगाकर नीलामी ली गई है।

ऐसे में अब नीलामी के रेट में अप्रत्याशित रूप से 100 गुना अधिक की बोली लगाकर निविदा अपने नाम करने वालों पर सवाल भी उठ रहा है। वहीं इस मुनाफे को लेकर खनन विभाग राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि होने पर अपनी पीठ थपथपा रहा है।
38 ट्रैक्टर बालू के लिए 1.20 करोड़
आपको बता दें की, कुछ दिनों पहले छपरा में 17 घाटों पर अवैध रूप से भंडारित बालू दावा रहित बालू की खुली नीलामी हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा में घाट पर जब्त बालू की मात्रा एवं सुरक्षित जमा राशि के रूप में उसका मूल्य दिया गया।

जिस निविदा में भाग लेने के लिए लोगों ने केवल 4 घाटों पर ही अपना आवेदन दिया। उसी 4 घाट में से एक मानुपुर एनएच 19 के किनारे अवैध दावा रहित बालू लगी 38 ट्रैक्टर के लिये लगभग 1 लाख 59 हजार रुपये सुरक्षित राशि रखी गई।
आश्चर्यजनक मामला तब सामने आया जब उसी बालू के लिये 1 करोड़ 20 हजार रुपये की बोली लगाई गई।
बालू की कीमत वर्चस्व के कारण बढ़ी
दरअसल बालू का बेस प्राइस 1,52,000 रुपये था। लेकिन इसकी बोली लगाने के लिए 5 लोग पहुंच गए। सभी बढ़-चढ़कर ऐसी बोली लगाने लगे कि 1 लाख 59 हजार के बालू की कीमत 1 करोड़ 20 हजार तक पहुंच गई।

उच्चतम बोली लगाने वाले भोलू युवराज इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर आनंद कुमार सिंह ने 65 गुना अधिक कीमत देकर बालू की खेप ले गए। जिला खनन पदाधिकारी संतोष कुमार ने इस मामले में बताया कि यह वर्चस्व की बात है और इसके बारे में जिन्होंने नीलामी में बालू खरीदी है।
वही बेहतर बता सकते हैं। यह जरूर है कि विभाग को अच्छा राजस्व प्राप्त हुआ है।