बिहार की 2 सगी बहनों की कहानी, एक दरोगा दूसरी सिपाही, चारों और वाहवाही
एक दशक पूर्व तक बेटियां घर से निकलती नहीं थी। सरकार और जिला प्रशासन की ठोस रणनीति के कारण नक्सलियों पर अंकुश लगा है। इस कारण घर की चौकठ लांघ कर बेटियों ने स्कूलों तक पहुंचना शुरु किया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के बच्चे भी शिक्षा और सरकारी नौकरी के प्रति जागरूक हुए।
बेटियों की इस भूमिका ने समाज के स्वरूप को ही बदल दिया। वर्तमान समय में बेलहर की बेटियां देश के विभिन्न हिस्सों में परचम लहरा रंही है। बात करें सरसडा गांव की तो यहां की दो बहनें बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। एक बहन ने अभी हाल ही में दारोगा परीक्षा में बाजी मार ली है।
![Two sisters working as constable in Bihar Police](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/10/Two-sisters-working-as-constable-in-Bihar-Police.jpg)
नारी सशक्तिकरण की मिशाल और प्रेरणाश्रोत
दारोगा बनते ही दोनों बहनों की चर्चा सभी चौक-चौराहों पर सुनने को मिलती है। किसान इंद्रदेव कुमार साह एवं अंजनी साहू की पुत्री अन्नू रानी और निशा रानी सिपाही है। अन्नू रानी का अब दारोगा में चयन हो गया है। दोनों बहने नारी सशक्तिकरण की मिशाल और लड़कियों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गई है।
अन्नू रानी ने बताया कि दोनों बहनों ने गांव से स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली। प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय से मैट्रिक और सीएस कालेज से इंटर पास किया। नर्सिंग का प्रशिक्षण लेने के लिए भागलपुर गई। तभी सिपाही भर्ती की बहाली में आवेदन कर दिया।
पुलिस में जाना चाहती हैं अन्य लड़कियां
दौड़ के लिए गांव से लेकर भागलपुर तक खूब पसीना बहाया। वर्ष 2018 में पहले ही प्रयास में चयन हो गया। इसके बाद छोटी बहन निशा रानी ने भी पुलिस में जाने की इच्छा जताई। वर्ष 2021 में उसने भी पहले ही प्रयास में बाजी मार ली।
![Both sisters are an example of women empowerment and inspiration for girls.](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/10/Both-sisters-are-an-example-of-women-empowerment-and-inspiration-for-girls..jpg)
फिर मिथिला यूनिवर्सिटी बेगूसराय कालेज से बीए की है। निशा ने टीएनबी कालेज से बीए किया। पहले प्रयास में दारोगा परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया। कहा कि अपराध और नक्सलवाद के खिलाफ हमेशा लड़ती रहूंगी।
दोनों के मजबूत हौंसले देख अन्य छात्राओं में भी उनकी तरह पुलिस में जाने का जज्बा जागा है। गांव की स्मृति, पूनम, नेहा, आरती और तमाम लड़कियां कहती हैं कि वे भी अन्नू और निशा दीदी की तरह पुलिस में जाना चाहती हैं।
![new batches for bpsc](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/new-batches-for-bpsc.jpg)