अच्छी खबर: लॉकडाउन में बेरोजगार हुए सूरज ने शुरू किया स्टार्टअप, अच्छी कमाई के साथ दूसरों को दे रहे रोजगार
देश में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन (Corona Lockdown) की वजह से कई परिवार बिखर गये हैं। रोजगार नहीं होने की वजह से गरीब और मजदूर वर्ग के सामने आर्थिक संकट बड़ी समस्या बन कर खड़ी थी। इस विषम स्थिति में भी कई लोग ऐसे थे जिन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए अन्य रास्ते की तलाश की।
बिहार के जमुई के रहने वाले एक युवक ने आपदा को अवसर में बदलकर एक नई शुरुआत की। यहां के सदर प्रखंड के लोहरा गांव के सूरज कुमार ने अपना खुद का स्टार्टअप (Startup) शुरू किया और आज वो अपने परिवार के साथ-साथ कई लोगों का सहारा बन गया है।

आमदनी के साथ औरों को रोजगार
जो सूरज लॉकडाउन से पहले दूसरे के यहां काम करता था, आज वो दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दे रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की मदद से सूरज ने रेडीमेड गारमेंट यूनिट की शुरुआत की, जो आज नए भारत के अभियान को बल दे रहा है। सूरज को महीने में हजारों रुपये की आमदनी हो जाती है।
रेडीमेड गारमेंट का स्टार्टअप

दरअसल, सूरज कोरोना से पहले हरियाणा के फरीदाबाद में एक गारमेंट कंपनी में काम करते था। यहां वो सिलाई से लेकर सुपरवाइजर का काम करता था, लेकिन जब लॉकडाउन लगा और काम मिलना मुश्किल हो गया तब उसने दोबारा महानगर नहीं जाने का मन बना लिया।
संकट के इस दौर में सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए योजना लेकर लाई। तब सूरज ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ उठाते हुए रेडीमेड गारमेंट की यूनिट लगाकर स्टार्टअप शुरू किया।
अत्याधुनिक मशीनों से रेडीमेड कपड़े तैयार

आज सूरज अपने स्टार्टअप से युवा उद्यमी के रूप में महीने में हजारों रुपये कमा रहे है। वहीं, गांव के आसपास के दो दर्जन लोगों को भी इससे रोजगार मिल रहा है। यहां ऑर्डर पर अत्याधुनिक मशीनों से रेडीमेड कपड़े तैयार किए जाते हैं। यही नहीं, सूरज के स्टार्टअप में वैसे कारीगरों को भी काम मिल रहा है, जो कोरोना के पहले महानगरों में काम करते थे।
लोगों को अपने शहर में मिल रहा काम

दिल्ली के एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले रंजय कुमार ने बताया कि गांव में ही रेडीमेड कपड़े की यूनिट खुल जाने से उन्हें बहुत फायदा हुआ, अब काम के लिए दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा, यहीं पर काम मिल गया है।
वहीं, इस स्टार्टअप में काम करने वाली निक्की और निभा ने बताया कि उनके जैसी एक दर्जन महिलाएं यहां काम करती है, कपड़े तैयार किए जाते हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ी है।
सरकार की उद्यमी योजना से मिला मौका

रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने वाले सूरज कुमार ने बताया कि सरकार की उद्यमी योजना ने उन्हें नई शुरुआत करने का मौका दिया है। लॉकडाउन के कारण घर आने के बाद कोई काम नहीं मिल रहा था, आर्थिक तंगी और बेरोजगारी दूर करने के लिए खुद कुछ करने के लिए सोचा।
आज मुझे जमुई जिले के कई बाजारों के अलावा स्कूलों से कपड़े तैयार करने के ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे हमारी और अन्य कारीगरों की आमदनी बढ़ी है। इससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया कराने का अवसर मिला है।