बिहार में एक और रेलवे रूट का काम पूरा, 122 किमी प्रति घंटे से हुआ स्पीड ट्रायल
बिहार के कई शहरों और जिलों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के नवनिर्मित स्टेशन निर्मली और तमुरिया के बीच मंगलवार को रेल इंजन का स्पीड ट्रायल किया गया। इस खबर से लोगों के बीच काफी खुशी देखी गई। इन जगहों पर रेल की कनेक्टिविटी बढ़ने से क्षेत्र विकास की ओर अग्रसर होगा।
आने वाले समय में जल्द ही इस रेल पटरी पर दरभंगा झंझारपुर निर्मली होते हुए फारबिसगंज के रास्ते में लाइन चालू होने की लोगों में उम्मीद जगी है। आपको बता दे की, 122 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इंजन को दौड़ाया गया। 24 किमी दूरी 13 से 14 मिनट में तय हुई। अब 19 फरवरी को सीआरएस का निरीक्षण किया जाएगा। बता दें कि इन दोनों रेल खंड को बड़ी रेल लाइन में बदलने की घोषणा 17 साल पहले हुई थी।
![Jhanjharpur to Saharsa Trains](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Jhanjharpur-to-Saharsa-Trains.jpg)
इस रेलखंड पर है ये स्टेशन और हाल्ट
अब तक इसका दो-दो बार शिलान्यास किया जा चुका है। 15 सितंबर 2016 को इसके लिए प्रथम फेज में झंझारपुर और घोघरडीहा के बीच मेगा ब्लॉक लिया गया। मालूम हो कि सकरी- झंझारपुर-निर्मली और रेल खंड की लम्बाई करीब 62 किलोमीटर है।
![Jhanjharpur nirmali rail section](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Jhanjharpur-nirmali-rail-section.jpg)
झंझारपुर निर्मली रेल खंड में दीप, तमुरिया, घोघरडीहा, निमुआं, घोघरडीहा, परसा, चिकना निर्मली आदि स्टेशन और हाल्ट पड़ते हैं।
30 लाख आबादी को होगा लाभ
![This railway line connecting Mithilanchal with Seemanchal](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/This-railway-line-connecting-Mithilanchal-with-Seemanchal.jpg)
गौरतलब है कि मिथिलांचल को सीमांचल से जोड़ने वाला यह रेलखंड 1934 से बंद है। वहीं इस रेल परियोजना की संशोधित लागत 6 सौ करोड़ से अधिक की है। रेल खंडों में 20 अधिक बड़े और 100 के करीब छोटे पुल का निर्माण किया गया है। मिथिलांचल-सीमांचल के रेल नेटवर्क जुड़ाव से 30 लाख आबादी को लाभ होगा।
कोसी पर महासेतु का निर्माण भी पूरा
इस रेलखंड को फिर से चालू करने के लिए 2012 में आमान परिवर्तन का कार्य शुरू किया गया था। बीते 10 सालों में आमान परिवर्तन के तहत इस रेलखंड में ट्रैक बिछाने से लेकर स्टेशनों के भवन, प्लेटफार्म, छोटे छोटे पुल पुलिया के अलावा कोसी पर महासेतु का निर्माण हो चुका है। अब जैसे ही ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। झंझारपुर से निर्मली- सहरसा तक की करीब 30 लाख आबादी छह साल बाद रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगी।