बिहार में बेघरों को जमीन देगी नितीश सरकार, जानिए किसको और कैसे मिलेगा योजना का लाभ
बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बिहार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वैसे लोगों को जिनके पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है, उनको चिन्हित कर बिहार सरकार तीन डिसमिल जमीन की व्यवस्था करने जा रही है। जानकारी के अनुसार ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया गया है। इस योजना का फायदा बिहार सरकार अनुसूचित जाति, पिछड़े एंव अति पिछड़ा वर्ग के वैसे लोगों को दिया जाएगा जिनके पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
ऐसे लोगों को ही सरकारी स्तर पर जमीन मुहैया करायी जाएगी। सरकार ने इसके लिए सर्वे कराया था और एक सूची भी बनाई थी। जिनका नाम वित्तीय वर्ष 2021-22 में शामिल हुआ था, लेकिन उन्हें जमीन नहीं मिल पाई थी लेकिन अब उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा।
![The benefit of this scheme will be given to those people who do not have land to build a house.](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/The-benefit-of-this-scheme-will-be-given-to-those-people-who-do-not-have-land-to-build-a-house..png)
3 डिसमिल जमीन देने की योजना
इस योजना के तहत सूची में शामिल एक परिवार को 3 डिसमिल जमीन देने की योजना का प्रावधान सरकार की तरफ से है। जाहिर है जमीन लेने वालों की संख्या ज़्यादा है इसलिए जमीन की जरूरत भी ज्यादा पड़ेगी, इसलिए सरकार बिहार में वैसे जमीन को देने की कोशिश कर रही है जो जमीन गैर मजरुआ, सीलिंग या फिर भू-दान की जमीन हैं।
![plan to give 3 decimals of land](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/plan-to-give-3-decimals-of-land.jpg)
उसी जमीन में ऐसे परिवारवालों को बसाया जाएगा। अगर ऐसी जमीन नहीं मिलती है तो बिहार सरकार खुद से जमीन खरीद कर ऐसे परिवार वालों को देगी। एक अनुमान के मुताबिक तीन डिसमिल जमीन पर सरकार ज्यादा से ज्यादा 60 हजार रुपया तक खर्च करेगी।
बिहार में बिना छत के कोई भी ना रहे
बिहार के राजस्व-भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय कहते हैं कि सरकार की कोशिश है की कोई भी बिहार में बिना छत के ना रहे है और इसी कड़ी में सरकार ने ये फैसला किया है और इसके लिए राजस्व भूमि सुधार विभाग तैयारी में जोर शोर से जुट गया है।
![No one should live without a roof in Bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/No-one-should-live-without-a-roof-in-Bihar.jpeg)
राम सूरत राय कहते हैं कि सर्वे के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में ऐसे पिछड़े वर्ग के परिवार वालों की संख्या लगभग 10165 थी और अति पिछड़ा वर्ग के 18778 परिवार थे जिनके पास आवास के लिए जमीन नहीं थी।