देसी जुगाड़ से 1 लाख रुपये से कम में ही युवक ने बना दी जीप, जानिए खासियत
कहते हैं प्रतिभाएं न किसी मौके के इंतजार की मोहताज नहीं होतीं। यह बात एक बार फिर साबित हुई है बिहार के पश्चिमी चम्पारण में। बेतिया अनुमंडल क्षेत्र के चनपटिया प्रखंड के चुहड़ी पंचायत निवासी गेट ग्रिल मिस्त्री कमलेश्वर शर्मा उर्फ लोहा सिंह ने अपनी हुनर का ऐसा कमाल दिखाया कि लोग वाह कह उठते हैं। कोरोना लॉकडाउन में बेकार बैठे-बैठे जब उब गए तो कुछ नया करने की सोची।
एक दिन यूट्यूब देखने के दौरान उसकी नजर क्लासिक जीप पर पड़ी। इसी के बाद उनके मन में ख्याल आया क्यों न ऐसी जीप बनाई जाए जो संकरी गलियों में भी जा सके। जिसके बाद लोहा सिंह ने काम शुरू कर दिया। मिस्त्री लोहा सिंह की करीब 85 हज़ार रुपये की लागत से बने 4 सीटर जीप को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है।

मिनी क्लासिक जीप में बाइक का इंजन
कोरोना काल में जब लोग ज़िंदगी और मौत से जंग लड़ रहे थे तो उन दिनों लॉकडाउन के दौरान मिस्त्री लोहा सिंह ने कुछ नया करने की सोच रहे थे। वहीं उन्होंने यूट्यूब वीडियो में क्लासिक जीप देखा तो उनपर पर भी उसी तरह की जीप बनाने का धुन सवार हो गया।

उन्होंने वीडियो देखकर जीप बनाने की जानकारी ली जो कि तंग गलियों में भी चल सके। उन्हें जीप बनाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने 50 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद वैसी मिनी जीप बना डाली।
1 लीटर पेट्रोल में 30 किलोमीटर तक सफ़र
मिनी क्लासिक जीप एक लीटर पेट्रोल में 30 किमी तक चलती है। इस जीप का वजन 5 क्विंटल है, ड्राइवर सहित चार लोग इससे आसानी से सफर कर सकते हैं। ग़ौरतलब है कि इस जीप में सीबीजेड बाइके की डेढ़ सौ सीसी इंजन और टैंपू के गियर बॉक्स का इस्तेमाल किया गया है।

इसके साथ ही सेल्फ स्टार्ट की भी सुविधा है। पॉवर टीलर के पहिया होने की वजह से उबर खाबड़, कीचड़ या पानी भरे रास्ते में भी जीप आसानी से चल रही है।
मिनी जीप की मार्केट में बढ़ी डिमांड
जीप मालिक मिस्त्री लोहा सिंह ने बताया कि जीप में कार की तर्ज पर ही बैक गियर सहित कुल 6 गियर है। चार सवारी और 10 क्विंटल वजन लेकर जीप 60 से 70 किलोमीटर के प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।

एक बार स्टार्ट करने पर क़रीब 200 किलोमीटर नॉन स्टॉप सफर किया जाता सकता है। इस जीप की तारीफ़ हर तरफ़ हो रही है और लोग लोहा सिंह के काम की सराहना भी कर रहे हैं। लोहा सिंह बताते हैं कि जीप छोटी होने की वजह से छोटी गलियों से भी गुज़र जाती है।
इस जीप को कई ग्राहक ख़रीदने आए लेकिन नहीं बेचा क्योंकि यह उनका पहला ख़ुद से बनाया हुआ जीप है। इस जीप की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए अब वह जीप बनाकर बेचने की प्लानिंग बना रहे हैं।