बिहार का पहला राखी मेला पूर्णिया में, पटुआ, संठी और धान से 30 मिनट में तैयार होती है राखी
मेले तो आपने बहुत सुने होंगे। यह कई प्रकार के होते हैं पर क्या राखी का मेला आपने देखा है…अगर नहीं तो पूर्णिया के उफरैल चौक आएं। यहां पर बिहार में पहली बार राखी मेला का आयोजन किया गया है। यहां पर आपको इकोफ्रेंडली राखी मिलेगी।
राखी मेले पर नेशनल अवार्डी पेंटर गुलू दा ने बताया कि बिहार में पहली बार इसका आयोजन किया गया है। पूर्णिया शिल्प कला की ओर से यह प्रयोग काफी सफल हुआ है। अब पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
30 मिनट में फोटो वाली राखी होती है तैयार
काम रही कुछ महिलाओं ने बताया कि पहले घर में हमलोग बैठे हुए रहते थे। पर इस तरह के काम में रोजगार पैदा किया है। अबहमलोग यहां पर राखी के साथ कई अन्य चीजें सीख भी रहे और बना भी रहे हैं।
यहां पर 30 से लेकर 150 तक की राखी उपलब्ध है। मार्केट में डिमांड भी इतना है कि सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। यहां पर 30 मिनट में भाई की तस्वीर वाली फोटो आप बनवा सकते हैं। इसकी कीमत 80 रुपये है।
चर्चित कलाकार व डिजाइनर कर रहे सहयोग
पूर्णिया स्थित क्लस्टर में करीब एक हजार महिलाएं अपने हुनर से जूट, केले के रेशे, सनठी एवं नेचुरल फाइबर से कई उत्पाद तैयार कर रही हैं। इसमें चर्चित कलाकार किशोर कुमार राय व डिजाइनर मनीष रंजन सहयोग कर रहे हैं।
इस बार कलस्टर से जुड़ी महिलाएं किशोर के सहयोग से इको फ्रेंडली राखियां तैयार कर रही हैं। राखी बनाने में लगीं रत्ना कुमारी, माला देवी आदि ने बताया कि इस राखी में जूट, संठी, बनाना फाइबर, धान की भूसी आदि का प्रयोग किया जा रहा है। 20 से 200 रुपये में ये बाजार में उपलब्ध हैं।
इको फ्रेंडली राखी की है काफी डिमांड
महिलाओं ने बताया की इको फ्रेंडली राखी की डिमांड काफी है। डिमांड इतना है कि हम लोग इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। इस सीजन में अब तक हम लोगों ने 10,000 ऐसी राखी बेची है। वहीं लोग भी काफी इसको पसंद कर रहे हैं।