विदेश में जाकर काम करने वालों में बिहारी दूसरे नंबर पर, जानिए प्रदेश में कैसे मिलेगी मदद
देशभर से काम के लिए विदेश जाने में यूपी के बाद बिहार का दूसरा स्थान है। विदेश जाने के इच्छुक कामगारों को समुचित जानकारी देने के लिए सभी जिला नियोजनालयों और अवर प्रादेशिक नियोजनालयों को माइग्रेट रिसोर्स सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया।
इन सभी कार्यालयों के नियुक्त पदाधिकारियों के उन्मुखीकरण के लिए बुधवार को बिहार राज्य श्रम संसाधन विभाग, समुद्रपार नियोजन ब्यूरो तथा विदेश मंत्रालय के सहयोग से बुधवार को एकदिवसीय प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मौके पर निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण राजीव रंजन, उत्प्रवासी संरक्षक तविशी बहल पांडेय, उपनिदेशक संजय कुमार सिन्हा, अजीत कुमार सिन्हा व नियोजन सेवा के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
विदेश में जरूरत पड़ने पर यहां से लें सहायता
विदेश में अगर किसी परेशानी में फंस जाएं। अथवा किसी विशेष परिस्थिति में देश से बाहर रहने वाला व्यक्ति सीधे विदेश मंत्रालय या उस देश की एंबेसी से बात कर सकता है। विदेश मंत्रालय की ऑनलाइन शिकायत निगरानी प्रणाली है।

जिसमें portal2.madad.gov.in जो शिकायतों के समाधन होता है। वहीं, 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर 1800-11-3090 और इ- मेल- helpline@mea.gov.in कर सकते है।
विदेश में रहने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
विदेश में रहने के दौरान कामगार को मेजबान देश में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, विरोध प्रकट करने व संगठन बनाने की मनाही होती है। इसके लिए आपको जेल व देश से निष्कासित किया जा सकता है।

साथ ही, स्थानीय शासन द्वारा अनुमति लिए बिना विदेश में काम करने वाला व्यक्ति अपना नियोक्ता या प्रयोजक नहीं बदल सकता है। इसके लिए पीछे देश की आंतरिक सुरक्षा का हवाला दिया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल
– पासपोर्ट, वीजा, वर्क कॉनटेक्ट की एक कॉपी अपने परिवार को सौंप कर जायें।
– नियोक्ता द्वारा प्रदान किये गये आइडी कार्ड की प्रति अपने परिवार जरूर दें।
– इ-माइग्रेट पर पंजीकृत एजेंटों के माध्यम से ही विदेशों में काम करने जायें।
– रोजगार के देश में प्रस्थान से पहले विदेशी नियोक्ता के ब्योरा प्राप्त करना चाहिए।
– हमेशा वैध दस्तावेजों और वर्क वीजा के साथ ही यात्रा करें।
– मेजबान देश में आप उस देश के रोजगार के कानूनों द्वारा शासित होते हैं।
