बिहार के इस जूनियर इंजिनियर ने नौकरी को बोला टाटा बाय-बाय, फिर बेचने लगा चाय, जाने वजह
इन दिनों बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर सड़क किनारे चाय, पकोड़े और फास्ट फूड की दुकानें खोलने का एक नया ट्रेंड चल पड़ा है। ऐसे में लोग अपनी पढ़ाई के बाद नौकरी ना मिलने का हवाला देते हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ दरभंगा के अनुराग ने अच्छी तनख्वाह छोड़कर अपने उज्जवल भविष्य के लिए चाय की दुकान खोली है। जबकि उसके पिता धर्मनारायण साहू डॉक्टर हैं, जो कि मधुबनी में बतौर डीएमएस कार्यरत हैं।
सिविल इंजीनियर अनुराग रंजन का कहना है कि नौकरी करके सिर्फ हम अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, लेकिन बड़ा आदमी बनना है तो कोई बड़ा बिजनेस करना होगा। उसी बड़े बिजनेस की ओर कदम बढ़ाते हुए छोटे बिजनेस से शुरुआत की है। अनुराग चंडीगढ़ में शिव शक्ति प्राइवेट लिमिटेड में बतौर जूनियर इंजीनियर का कर रहे थे और उनको अच्छी खासी सैलरी भी मिल रही थी।

चाय के साथ स्टूडेंट्स करते हैं पढ़ाई की बात
बीटेक चाय शॉप पर चाय पीने आए छात्र ने बताया कि यह चाय की दुकान हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। बेहतरीन चाय कम दामों में मिल जाती है और इनसे (अनुराग) चाय के साथ पढ़ाई की भी बातें हो जाती हैं।

दी जाती है खास कप में चाय
अनुराग बताते हैं कि हमारे यहां 25 तरह की चाय दी जाती है, जिसमें से एक खास चाय है। इस चाय को एक खास कप में ग्राहकों को दिया जाता है, जिसे चाय पीने के बाद खा सकते हैं। ऐसे कप दिल्ली, मुंबई या फिर कोलकाता से मंगवाए जाते हैं।

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