नहाय खाय के साथ शुरू हुआ चैती छठ महापर्व, जानिए किस दिन क्या है और शुभ मुहर्त
सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से नहाय-खाय से आरंभ हो रहा है। 5 अप्रैल को नहाय खाय बुधवार 6 अप्रैल को खरना होगा और गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शुक्रवार 8 अप्रैल की सुबह सूर्य की उपासना के साथ महापर्व का संकल्प पूरा होगा। ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने पंचांग के हवाले से बताया कि चैत्र शुक्ल चतुर्थी पांच अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग के पुण्यकारी संयोग में नहाय-खाय होगा।
व्रती गंगा स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अघ्र्य एवं पूजा अर्चना करने के बाद अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी ग्रहण करेंगी। व्रतियों के घर से लेकर प्रशासन तक की तैयारी चल रही है। पटना के शहरी क्षेत्र में 26 घाटों पर अर्घ्य की तैयारी की गई है, जबकि 24 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है।

कैसे होगी छठ महापर्व में उपासना?
साल में 2 बार छठ महापर्व मनाया जाता है। दीपावली और चैत्र नवरात्र में छठ महापर्व पड़ता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व को लेकर काफी तैयारी होती है। चैती छठ में व्रतियों की संख्या कम होने के बाद भी महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

गर्मी अधिक है, लेकिन व्रतियों की तैयारी चल रही है। महापर्व की शुरुआत 5 अप्रैल मंगलवार को नहाय खाय से होगी जो 8 अप्रैल शुक्रवार की सुबह सूर्य उपासना के साथ पूरा होगा।
सूर्य उपासना का महापर्व
5 अप्रैल – नहाय खाय
6 अप्रैल – खरना
7 अप्रैल – संध्या अर्घ्य
8 अप्रैल – प्रातः अर्घ्य

चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा
चैत्र नवरात्र के छठे दिन यानी चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। वहीं, प्राचीन समय से इस दिन सूर्य देव की भी पूजा होते रही है जिसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठी मइया को ब्रह्मा का मानस पुत्री कहा जाता है।

ये वही देवी हैं जिनकी पूजा नवरात्र में षष्ठी तिथि को मां कात्ययानी के रूप में की जाती है। इनकी पूजा करने से संतान की प्राप्ति व संतान को लंबी उम्र प्राप्त होती है। मान्यता के अनुसार सूर्य देव की बहन के रूप में छठी मइया को जाना जाता है।
छठ पर्व के मौके पर भगवान सूर्य और छठी मइया की पूजा अर्चना करने से व्रती को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
पूजा के सामानों से सजे बाजार
छठ महापर्व को लेकर बाजार सज गए हैं। पूजा के सामानों के साथ फलों से भी बाजार सजे हैं। सूप और डाला के साथ पूजा की पूरी व्यवस्था की जा रही है। घरों में पूजा को लेकर हर स्तर से तैयारी की जा रही है।

प्रशासन ने घाटों की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर भी तैयारी कर ली है। सामान्य घाटों के साथ खतरनाक घाटाें को भी चिन्हित कर लिया गया है।
घाटों को लेकर की गई तैयारी
छठ पूजा के अवसर पर व्रतियों की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के साथ शांतिपूर्ण ढंग से उपासना को लेकर प्रशासन की बड़ी तैयारी चल रही है। चैती छठ के अवसर पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
इसके लिए डीएम और एसएसपी का संयुक्त आदेश जारी किया गया है। पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में भी चैती छठ को लेकर सुरक्षा और व्यवस्था की पूरी तैयारी की गई है।
पटना में 24 घाट खतरनाक
चैती छठ को लेकर पटना में 24 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। पटना के शहरी क्षेत्र में कुल 26 घाटों को छठ पर्व के लिए जिला प्रशासन ने हरी झंडी दी है। इसमें पटना सदर अनुमंडल में 14 घाट, पटना सिटी अनुमंडल में 7 घाट और दानापुर अनुमंडल में 5 घाट हैं।

वहीं जिला के 24 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। खतरनाक घाटों पर आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। उपयुक्त एवं खतरनाक दोनों तरह के घाटों पर वरीय दंडाधिकारी, स्टैटिक दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। इसके साथ ही जिला नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।
पटना में 100 से अधिक मजिस्ट्रेट
चैती छठ में पटना में 100 से अधिक मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है। इनकी ड्यूटी पालीवार होती है। पटना में 100 से भी अधिक दंडाधिकारी चैती छठ पर्व को सफल बनाने में लगाए गए हैं।
5 अप्रैल को सुबह 6 बजे से दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी काे अपने-अपने छठ घाटों पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात रहकर विधि व्यवस्था संभालने का आदेश दिया गया है।