बिहार में स्टार्टअप के लिए मिलेगी 10 लाख से 5 करोड़ तक की आर्थिक मदद, IIIT भागलपुर और IIT पटना का ये है प्लान
IIIT भागलपुर ने बुधवार को IIT पटना के साथ कई मुद्दों पर करार किया है। इसमें दोनों संस्थान अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, स्मार्ट मैटेरियल पर साथ शोध करेंगे। इसके लिए ट्रिपल आइटी भागलपुर और टेक्नालाजी इन्क्यूबेशन हब आइआइटी पटना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। यह आयोजन पटना मेें आयोजित हुआ।
इस दौरान ट्रिपल आइटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे और आइआइटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह मौजूद थे। इसके तहत ट्रिपल आइटी भागलपुर का कोई भी विद्यार्थी, फैकल्टी और स्टाफ एक स्टार्टअप कंपनी शुरू कर सकता है। उन्हें 10 लाख से लेकर पांच करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
नए इनोवेटिव आइडिया की खोज के लिए मिलेगा फेलोशिप
यह जानकारी ट्रिपल आइटी के पीआरओ डा. धीरज कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने कहा कि यूजी, पीजी के विद्यार्थियों और पीएचडी के शोधार्थियों को नए इनोवेटिव आइडिया की खोज के लिए फेलोशिप भी मिलेगा। समझौता ज्ञापन के दौरान दोनों संस्थानों के निदेशक के अलावा प्रो. जवार सिंह, डा. संदीप राज, डा. अनूप केसरी और साई किरण आदि मौजूद थे।
प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि आईआईआईटी भागलपुर एआई, डेटा साइंस के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। समाज के मुद्दों के समाधान के लिए दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य, छात्र संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।
प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाएगा फंड
इसके लिए ट्रिपल आइटी भागलपुर से बेहतर आइडिया मिलता है तो उसे प्रोत्साहित करने के लिए फंड भी दिया जाएगा। यही नहीं जरूरी होने पर इन्क्यूबेशन कार्य के लिए पटना आइआइटी ट्रिपल आइटी में रिमोट सेंटर भी खोल सकता है।
प्रो. चौबे ने कहा कि कि दोनों संस्थान किसी भी शोध पर कड़ी मेहनत करेगा। संस्थान ने कोविड साफ्टवेयर में परचम लहराया है। भविष्य में आइआइटी भागलपुर एआई का उपयोग करके और अधिक स्वास्थ्य देखभाल उपकरण और साफ्टवेयर विकसित करेगा। उन्होंने रिमोट सेंटर खोलने के लिए आइआइटी पटना का स्वागत किया।