Indias Most Powerful Rail Engine Is Made In Bihar

बिहार में बनता है देश का सबसे पावरफुल रेल इंजन, विश्वभर में दिलाई पहचान, Top-6 ग्रुप में हुआ शामिल

रेलगाड़ी (Train) बच्चों को ही नहीं, बड़ों को भी आकर्षित करती है। इसके इंजन, इसके डिब्बे, माल ढोने वाला डिब्बा, गार्ड का डिब्बा (Guard Van)। सब कुछ अनूठा होता है।

आज हम बात करेंगे इसके इंजन की। भारत का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन (Rail Engine) कहीं बाहर से यहीं आता है, बल्कि यहीं बनता है। वह बनता है पूर्वोत्तर बिहार के छोटे से कस्बा मधेपुरा (Madhepura) में।

Indias most powerful railway engine is made in Madhepura, Bihar
भारत का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन बिहार के मधेपुरा में बनता है

फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से बना है मधेपुरा कारखाना

मधेपुरा की रेल इंजन फैक्ट्री रेल मंत्रालय और फ्रांसीसी कंपनी अल्सटॉम का एक जवाइंट वेंचर है। समझौते के बाद मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (Madhepura Electric Locomotive Pvt. Ltd.-MELPL) नाम की कंपनी का गठन हुआ है।

Madhepura factory built in collaboration with French company
फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से बना है मधेपुरा कारखाना

इसी कंपनी के साथ रेलवे ने खरीद-सह-रखरखाव समझौते पर हस्‍ताक्षर किया है। मतलब कि एक नियत समय में कम से कम उतने इंजन तो खरीदे ही जाएंगे, जितने का उल्लेख समझौते में हुआ है।

ऐसा शक्तिशाली इंजन बनाने वाला भारत 6ठा देश

दुनिया के अधिकतर देशों में रेलवे प्रणाली है। कुछ देश रेलवे प्रणाली के लिए इंजन, कोच और माल डिब्बे भी बनाते हैं। लेकिन इतना शक्तिशाली इंजन दुनिया के सभी देश नहीं बनाते। भारत इस तरह का इंजन बनाने वाला 6ठा देश है।

India is the 6th country to make such an engine.
भारत इस तरह का इंजन बनाने वाला 6ठा देश

इससे पहले भी भारत में इस तरह के शक्तिशाली इंजन बनते थे, लेकिन उनकी क्षमता 5,000 हार्सपावर के करीब ही थी। मधेपुरा के रेल इंजन कारखाना को लगाने का श्रेय पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद को जाता है।

हर साल बन रहे हैं 120 इंजन

किसी भी रेलवे द्वारा दुनिया में पहली बार बड़ी लाइनों (Broad Guage) के नेटवर्क पर इतनी अधिक हॉर्स पावर वाले लोकोमोटिव का परीक्षण किया गया है। इन इंजनों को मधेपुरा कारखाने में ही बनाया गया है।

Bihars Madhepura has a capacity to manufacture 120 locomotives per year
बिहार के मधेपुरा में हर वर्ष 120 लोकोमोटिव का निर्माण करने की क्षमता

इस परियोजना के तहत बिहार के मधेपुरा में टाउनशिप के साथ यह फैक्‍टरी स्‍थापित की गई है, जहां हर वर्ष 120 लोकोमोटिव का निर्माण करने की क्षमता है।

किस तरह के हैं इंजन?

The engines to be manufactured in Madhepura are twin bo-bo designs.
मधेपुरा में बनने वाले इंजन ट्विन बो-बो डिजाइन वाले हैं

मधेपुरा में बनने वाले इंजन ट्विन बो-बो डिजाइन (Twin BO Bo Design) वाले हैं। इस रेल इंजन का एक्सल लोड 22.5 टन है जिसे 25 टन तक बढ़ाया जा सकता है। यह इंजन 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से फुली लोडेड मालगाड़ी को दौड़ा सकता है। इसकी सहायता से भारत में मालगाड़ियों की औसत गति और भार ले जाने की क्षमता बेहतर हो रही है।

इंजनों में लगे हैं जीपीएस

मधेपुरा में बनने वाले ये रेल इंजन स्टेट ऑफ दि आर्ट आईजीबीटी आधारित, 3 फेज ड्राइव, नौ हजार किलोवाट (12000 हॉर्सपावर) के हैं। इनमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) भी दिया गया है, जिसकी सहायता से इन्हें कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा।

These engines are being manufactured under Make in India.
ये इंजन मेक इन इंडिया के तहत तैयार किए जा रहे हैं

ये इंजन मेक इन इंडिया के तहत तैयार किए जा रहे हैं। 250 एकड़ में बनी मधेपुरा फैक्टरी सबसे बड़ी एकीकृत ग्रीनफील्ड सुविधा है जिसे 120 इंजन की उत्पादन क्षमता के साथ गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों के साथ बनाया गया है।

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