Jamui of Bihar has 44 percent of the countrys gold for the first time ants had disclosed the treasure

बिहार के जमुई में देश का 44 फीसदी सोना, चीटियों ने पहली बार किया था खजाने का खुलासा

Gold Reserves in Bihar: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जिन इलाकों में नक्सलियों की बंदूकें बारुद उगलती थी, वहां की धरती सोना उगलेगी। यह दीगर बात है कि लाल गलियारे में अकूत स्वर्ण भंडार की सच्चाई स्वीकारने में सरकार को 40 साल लग गए। संसद में पहली बार सरकार ने भी माना कि जमुई में अकूत स्वर्ण भंडार है, और देश का 44 प्रतिशत सोना (स्वर्ण धातु) सोनो प्रखंड अंतर्गत करमटिया गांव में है। इसके बाद तो स्थानीय स्तर पर करमटिया को अब सोनमटिया कहा जाने लगा है। यहां 223 मिलियन टन स्वर्ण भंडार होने का सरकार को अनुमान है। आखिरी बार बीते साल अप्रैल माह में जीएसआई की टीम ने जमीन की ऊपरी सतह का नमूना इक्कट्ठा किया था। इसके पहले 2010-11 में भू छेदन कर जमुई की धरती के गर्भ में छिपे स्वर्ण भंडार की मात्रा की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया गया था।

उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है, की जमुई में देश का 44 फीसद स्वर्ण भंडार है। सबसे पहले 1982 से लेकर 1986 तक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर जीएसआई की टीम द्वारा यहां खुदाई की जाती रही लेकिन तब खर्च के अनुपात में स्वर्ण धातु की उपलब्धता नहीं होने की बात कही गई थी।

Gold Reserves in Bihar
Gold Reserves in Bihar

चीटियों ने खोजा सोने का खजाना

स्थानीय लोग कहते हैं, कि पहली बार चीटियों ने यहां सोने का खजाना होने का संकेत दिया था। तब एक बरगद पेड़ के नीचे चरवाहा धूप से बचाव के लिए जमा होते थे। चीटियां खुद का घरौंदा बनाने में मिट्टी के कण उक्त पेड़ के आसपास जमा कर रही थी। इसी दौरान मिट्टी के कण की पीली चमक ने कुछेक लोगों को आकर्षित किया और बात धीरे-धीरे फिजां में फैलने लगी।

Jamui of Bihar has 44 percent of the countrys gold
बिहार के जमुई में है देश का 44 फीसदी सोना

इसके बाद तो जो हुआ वह सबके सामने है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिलती है। कई लोगों के बारे में तो कहा जाता है, कि रातों-रात अमीर हो गए। बहरहाल अब लोगों का ध्यान सरकार की अगली कार्रवाई और अगले कदम की ओर जा टिकी है।

सोनो प्रखंड से आठ किलोमीटर दूर है करमटिया गांव

राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया करमटिया गांव सोनो प्रखंड मुख्यालय से आठ तथा जमुई जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यह गांव बेचिरागी अर्थात यहां कोई आबादी नहीं है। इस मौजा की जमीन पर मालिकाना हक चुरहैत गांव के लोगों की है। चुरहैत पंचायत से चौथी बार मुखिया पद पर निर्वाचित गेना मांझी कहते हैं, कि सरकार की इस रिपोर्ट से प्रखंड मुख्यालय का नाम सोनो होने की प्रासंगिकता सिद्ध हो गई है। अब उस वक्त का बेसब्री से इंतजार है जब यहां से सोना निकालने की विधिवत तैयारी शुरू हो जाएगी।

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