कश्मीरी नहीं अब बिहार में उपजे सेब खाएंगे लोग, पौधा रोपण के काम से जुटे किसान
कश्मीरी नहीं अब बिहार में उपजे सेब खाएंगे लोग, पौधा रोपण के काम से जुटे किसान- जब भी सेब का नाम आता है आपके मन में कश्मीरी सेब का ख्याल जरूर आता है । भारत में कश्मीरी सेब को सबसे उत्तम माना जाता है लेकिन अब ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा । बिहार वासी अब कश्मीरी सेब की जगह अपने राज्य में उपजे सेब का आनंद ले सकेंगे ।
बिहार में उगाये जाएंगे सेब
जल्द ही बिहारी सेब आप सभी खाएंगे, अब आप सोच रहे होंगे की ये कैसे हो सकता है? क्या बिहार में भी सेब की खेती हो सकती है ? जी बिलकुल, बिहार के मिटटी पर ही सेब की फसल उगने वाली है। बिहार के गोपालगंज में भी ट्रायल के तौर पर चार किसानो को हिमांचल प्रदेश के हरमन 99 की खेती के लिए चुन लिया गया है, और किसानो को इस सेब के पौधे को उपलब्ध करा दिया गया है।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
अहमदाबाद के नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के प्रशिक्षक डा. पार्थ कुमार देव ने बताया कि गोपालगंज जिले की मिट्टी सेब की खेती के लिए मुफीद है। किसान सेब की खेती के लिए आगे बढ़ें और पुरानी परंपरागत खेती से अलग हटकर कुछ नया करने के लिए सेब की खेती करें। जानकारों की माने तो बिहार में सेब की उपज होने से यहाँ के किसानो की आमदनी बढ़ेगी ।
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इतने दिनों में खाने को को मिलेगा बिहारी सेब
हिमांचल प्रजाति सेब (हरमन 99) के पौधे को ट्रायल के तौर पर किसानो को दे दिया गया है और इन सभी पेड़ के रोपण का भी कार्य कर लिया गया है, और उम्मीद किया जा रहा है की करीब दो साल के अंदर इसमें फूल भी आने लगेंगे और करीब तीन साल के बाद इसमें सेब भी आने लगेंगे जिसके बाद बिहार के मार्किट में बिहार में ही उपजे सेब उपलब्ध होंगे।