Leaving the job of lakhs, started The Engineer restaurant

लाखो की नौकरी छोड़ चालू की ‘द इंजीनियर रेस्टोरेंट’, 2 महीने में हो गया फेमस, जाने फेमस होने की वजह

वर्तमान समय में डिग्री के नाम पर टी स्टॉल और रेस्टोरेंट खोलने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जैंसे बीटेक रैस्टोरेंट, एमबीए चायवाला , ग्रेजुएट चायवाली आदि। लेकिन इन दिनों गया में ‘द इंजीनियर रेस्टोरेंट’ एवं ‘ढाबा’ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

गया के नक्सल प्रभावित इमामगंज बस स्टैंड के ठीक सामने इस रेस्टोरेंट को खोला गया है। जहां पड़ोसी राज्य झारखंड के लोग भी खाने का लुत्फ उठाने आते हैं।

नौकरी छोड़ शुरू किया रेस्टोरेंट

‘द इंजीनियर रेस्टोरेंट’ को इंजीनियर अंकित सिंह ने खोला है। अंकित महाराष्ट्र से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और झारखंड में करीब 7 लाख के पैकेज पर नौकरी भी की। लेकिन कुछ समय के बाद नौकरी में मन नहीं लगा।

जिसके बाद गांव लौटकर इमामगंज में ‘द इंजीनियर रेस्टोरेंट’ की शुरुआत की। बिहार- झारखंड की सीमा के पास होने के कारण झारखंड के लोग भी बड़ी संख्या में इस रेस्टोरेंट में खाने का लुत्फ उठाने आते हैं। इस रेस्टोरेंट का हांडी मटन और चिकेन लोगों को खूब पसंद आता है। 

चाय और पकोड़े से हुई रेस्टोंरेट की शुरुआत

2 महीने पहले इस रेस्टोरेंट की शुरुआत चाय और पकोड़े के साथ की गई थी। लेकिन अब यहां कई तरह के भोजन उपलब्ध हैं। बिरयानी और हांडी मटन- चिकन लोगों को खूब पसंद आता है।

इसके अलावा कुल्हड़ की चाय भी लोगों को दीवाना बना देता है। दो स्टाफ के साथ शुरू की गई इस रेस्टोरेंट में आज तकरीबन 10 लोग काम कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है।

The restaurant was started with tea and pakoras
रेस्टोरेंट की शुरुआत चाय और पकोड़े के साथ की गई थी

काफी आलोचना भी हुई

इंजीनियर अंकित सिंह की इस रेस्टोरेंट को खोलने के बाद काफी आलोचना की गई। लोगों ने खुब उनका मजाक उड़ाया कि जब रेस्टोरेंट खोलना था तो इंजीनियरिंग क्यों किया। घरवालों ने भी शुरुआती दिनों में सपोर्ट नहीं किया लेकिन अब सब कुछ नार्मल हो गया है।

यह रेस्टोरेंट पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग यहां भोजन का लुत्फ उठा रहे हैं। इस रेस्टोरेंट की खासियत ये है कि यहां खुला स्पेस है। जहां बैठकर लोग भोजन का आनन्द ले सकते हैं। इसके अलावे बर्थडे पार्टी या अन्य पार्टियों के लिए भी यह उपयुक्त है।

पढ़ाई के दौरान खाना बनाने का चढ़ा शौक

इंजीनियर अंकित सिंह जानकारी देते हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान खाना बनाने का शौक चढ़ा। दोस्तों के साथ मिलकर होस्टल में बनाया करता था। ढाबा भी जाया करता था। उसी दौरान मन में यह खयाल आया कि हम भी इस तरह का ढाबा अपने इलाके खोल सकते हैं। लोगों को शहर जैसा सुविधा गांव में ही दिया जा सकता है। इसी सोच के साथ अपने गांव में ही इस रेस्टोरेंट की शुरुआत की है।

अंकित के अनुसार नागपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद झारखंड में 3 साल तक प्लानिंग इंजीनियर के तौर पर काम किया। सालाना 7 लाख पैकेज की नौकरी थी। लेकिन काम में मन नहीं लगा। इसलिए गांव आ गया और रेस्टोरेंट खोल दिया।

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