बिहार में जांच कराने वालों में मोदी-शाह का नाम, लिस्ट में सोनिया गांधी और प्रियंका चोपड़ा
बिहार के अरवल जिले में कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां के करपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, बॉलीवुड एक्टर प्रियंका चोपड़ा की कोरोना जांच कर दी गई है। यह खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया। बताया जा रहा है कि करपी CHC में मिले रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से जांच के नाम पर सैकड़ों लोगों का नाम फर्जी तरीके से डाल दिया गया है। इनके नाम और मोबाइल नंबर पूरी तरीके से गलत हैं।
वहीं, 27 अक्टूबर को RT-PCR जांच के नाम पर कई बड़े दिग्गजों का नाम शामिल कर दिया गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी का नाम अहम हैं।
DM बोलीं- जांच के बाद करेंगे FIR
कोरोना टेस्टिंग में प्रियंका चोपड़ा के अलावा कटरीना कैफ, ऐश्वर्या राय समेत कई फिल्मी कलाकारों का नाम भी शामिल हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से सीधे तौर पर बच रहा है। अरवल DM प्रियदर्शनी का कहना है, ‘पूरा मामला बहुत ही संगीन है। हम इसकी जांच कर रहे हैं और जांच के बाद FIR भी करेंगे। MOIC से लेकर BHM तक सभी से पूछताछ करेंगे।’
PM के जन्मदिन पर दिया गया था निर्देश
PM मोदी के जन्म दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों को वैक्सीनेशन के साथ-साथ कोरोना टेस्टिंग का टारगेट दिया था। इसके बाद कई जगहों पर रिकार्ड तोड़ जांच और वैक्सीनेशन हुआ। अरवल में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्टिंग में फर्जी तरीके से लोगों का नाम डालकर टारगेट पूरा किया है।
फर्जीवाड़ा इस कदर किया गया कि फर्जी नामों में राजनीतिक और फिल्मी कलाकारों के मोबाइल नंबर भी लिखे गए, जिनके घर का पता करपी प्रखंड के पुराण गांव में है। PM मोदी का नाम और पता करपी के दो अलग-अलग गांव में दिया गया है। वहीं, फिल्मी कलाकार प्रियंका चोपड़ा का निवास स्थान और मोबाइल नंबर भी गलत है।
स्वास्थ्य प्रबंधक के दबाव में किया ऐसा
कोरोना का टीका लेने वालों और आरटीपीसीआर टेस्ट के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया है। सूची में कई ऐसे नाम हैं जिनको देखकर अधिकारी भी चौंक गए। हटाए गए आपरेटर विनय कुमार ने बताया कि शहर तेलपा एपीएचसी में वह कार्यरत था। उसने स्वास्थ्य प्रबंधक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कहा कि उनलोगों को डाटा दिया भी नहीं जाता था और जबरन एंट्री डालने का दबाव हेल्थ मैनेजर देता था।
दूसरे डाटा आपरेटर प्रवीण कुमार ने बताया कि जो डाटा दिया गया उनकी एंट्री की है। उनपर दबाव दिया जाता था। जब बात ऊपर तक गई तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। बताया जाता है कि सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक और फिल्मी हस्तियों के नाम हैं।
ऐसे ही डाटा के सहारे बताई जा रही देश की उपलब्धि
इधर स्थानीय विधायक महानंद सिंह ने इसको लेकर सरकार पर हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसे ही फर्जी डाटा के सहारे इसको पूरे देश की उपलब्धि बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत क्या है, सबको पता है। उन्होंने कहा कि यह कितनी शर्मनाक स्थिति है। बहरहाल इस फर्जीवाड़े ने अन्य जगहों पर चल रही जांच और टीकाकरण पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।