मिलिए बिहार की अफसर दुल्हनियां से, एक साल में 4 सरकारी नौकरी, शादी के 30वें दिन BPSC क्लियर
सपने तो सभी देखते हैं लेकिन कम ही लोग होते हैं जो अपने सपने का साकार करते है। बिहार के हाजीपुर की रुचिला रानी उन्हीं लोगो में से एक है, जिसने ना सिर्फ अफसर बनने का सपना देखा बल्कि आज उस सपने को साकार भी कर दिया है।
एक साल में चार सरकारी नौकरी की परीक्षा पास करने वाली रुचिला ने शादी का एक महीना पूरा होते ही बीपीएससी पास कर जिले का नाम रौशन कर दिया है, जिसके बाद लोग कहने लगे हैं कि अफसर बिटिया चली ससुराल।
शादी के तीसवें दिन ही BPSC की परीक्षा पास कर बन गई अधिकारी
ग्रामीण परिवेश और मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली रुचिला ने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम से ना सिर्फ एक साल में चार सरकारी नौकरी हासिल की बल्कि शादी के तीसवें दिन ही बीपीएससी की परीक्षा पास कर अधिकारी बन गई हैं।

जिसके बाद उसके मायके से लेकर ससुराल तक जश्न का माहौल है। मायके में घरवलों के साथ-साथ गांव के लोग भी अपनी इलाके की बेटी की इस सफलता पर उत्साहित हैं तो पति को भी अपनी नई नवेली दुल्हन पर गर्व हो रहा है।
सेल्फ स्टडी से बीपीएससी की परीक्षा में 215वां रैंक
बीपीएससी की परीक्षा में 215वां रैंक पाने वाली रुचिला ने घर पर ही रहकर सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल की है। इसके पीछे उसके माता पिता का बहुत बड़ा योगदान है। पेशे से सरकारी शिक्षक उसके पिता ने पाई-पाई जोड़कर अपनी बेटी को पढ़ाया और समाज की परवाह किये बगैर अपनी बेटी को इतना काबिल बनाया कि आज बेटी के मायके से लेकर ससुराल तक उत्साह है।

बेटी की सफलता की गूंज पूरे जिले में दे रही सुनाई
रूचिला की मां ने अपनी बेटी को उन लोगो की नजरों से छिपाकर रखा जो लोग बेटियों को घर मे बिठाने पर ताना मारने का काम करते हैं। मां ने तो आज तक अपने पैरों में पायल तक नहीं पहना क्योंकि पायल की आवाज बेटी की पढ़ाई में खलल डाल सकता था। लेकिन आज बेटी की सफलता की गूंज पूरे जिले में सुनाई दे रही है।
बीपीएससी क्लियर कर प्रोबेशनरी ऑफिसर बनने से पहले रूचिला ने मद्य निषेध विभाग, बिहार पुलिस के दारोगा, रेलवे के अलावा फरवरी महीने में हुए बिहार शिक्षक के नियोजन में भी अपनी जगह बनाई थी। लेकिन अंतत: सिविल सर्विस में जाने के जज्बे ने उसे बीपीएससी की परीक्षा भी पास करवा दी।
