Odf Scheme Swachh Bharat Abhiyan In Bihar

बिहार के कोसी-सीमांचल और अंग क्षेत्र में ODF योजना में लापरवाही, देखिए शौचालय की हकीकत

बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में ओडीएफ को लेकर चलायी गयी योजना में लापरवाही बरती जा रही है। एक तरह से कहें तो इन क्षेत्रों में इस योजना में उदासीनता और लापरवाही का ताला लगा हुआ है, जिससे लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसको लेकर शौचालय के मुद्दे पर पड़ताल के बाद प्रभात खबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। आईये जानते है की इन क्षेत्रों में शौचालय की हकीकत क्या है?

Negligence in the scheme run regarding ODF in Kosi-seemanchal and Anga region of Bihar
बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में ओडीएफ को लेकर चलायी गयी योजना में लापरवाही

सबसे पहले बात करते है बिहार के पूर्णिया जिले के वार्ड नंबर इक्कीस का बाड़ीहाट मुहल्ला। कचरा से भरे नाले के किनारे पर पांच इंच की दीवार से घिरा छोटा सा कैम्पस जिसमें लोहे का ग्रिल लगा है और उसमें ताला भी लगा हुआ है। यहां बौआ पांडे से मुलाकात होती है। शौचालय के बारे में पूछते ही बोलते हैं- ‘यहां तऽ सर, शौचालय का कोनो दिक्कत नय है, बस तलवे खुले का देर है। ई तऽ बहुत पहले ही बन गया था पर का करें, अब तक लॉक पड़ा हुआ है।

अररिया पुरानी बस स्टैंड में अवस्थित शौचालय

Toilet located in Araria old bus stand
अररिया पुरानी बस स्टैंड में अवस्थित शौचालय

अररिया जिले को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया लेकिन आज भी लोग शहर में भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। शहर के अत्यधिक व्यस्त क्षेत्र में शामिल मुख्य हटिया बाजार, कचहरी, निबंधन कार्यालय, बस पड़ाव, प्रखंड परिसर के पास, हॉस्पिटल, सब्जी मार्केट आदि क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला इलाका होता है।

No maintenance of toilets in Bhagalpur district
भागलपुर जिले के शौचालय का रखरखाव नहीं

वहीँ भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड मुख्यालय से सटे सन्हौला पंचायत के वार्ड संख्या 6 स्थित शीशम बगान में लाखों की लागत से बना शौचालय का रखरखाव नहीं हो पा रहा है। यहाँ अभी तक पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पायी है। आपको बता दे की एक साल से यहाँ शौचालय बंद पड़ा है।

सहरसा में शौचालय का हाल

दूसरी ओर सहरसा जिले के सभी 141 पंचायतों को प्रथम चरण में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। शहरी क्षेत्र में कई ऐसे शौचालय हैं, जहां निर्माण के बाद से अब तक ताला लटका है।

toilet condition in saharsa
सहरसा में शौचालय का हाल

यह हालत डीलक्स शौचालयों तक में है। शहरी क्षेत्र में पांच जगहों पर डिलक्स सुलभ शौचालय का निर्माण किया गया है। जिनमें से अभी मात्र दो कार्यरत हैं और तीन आज भी बंद हैं। लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।

The toilet in Navhatta was made a fire house
नवहट्टा में शौचालय को बनाया जलावन घर

सहरसा में कोई पंचायत ऐसा नहीं है, जहां शौचालय नहीं है। नवहट्टा प्रखंड के बकुनिया में लगभग 5 वर्ष पूर्व सामुदायिक शौचालय बना था। जिस पर एक परिवार ने कब्जा कर उसे जलावन का घर बना लिया है।

जमुई के शौचालय में रखते हैं ईंट-पत्थर

बिहार के जमुई जिले में तो हद ही हो गई। दरअसल जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के केंडीह पंचायत में मलहु मांझी का घर है। 2 साल पहले वहां शौचालय बनवाया गया तथा ग्रामीणों के लिए भी एक अन्य शौचालय बनवाया गया। वर्तमान में उक्त शौचालय की स्थिति ऐसी है कि वहां परिवार के लोगों के द्वारा इंट पत्थर व अन्य कूड़ा कचड़ा रखा गया है।

bricks and stones in Jamui toilet
जमुई के शौचालय में रखते हैं ईंट-पत्थर

जबकि एक अन्य शौचालय को बिजली घर बना दिया गया है। वहां से बिजली का तार लेकर बल्ब जलाया जाता है। शौचालय के लिए लगाया गया पिट को उखाड़ दिया गया है और लोग खुले में ही शौच जा रहे हैं।

शौचालय में भर दी मिट्टी नहीं होता इस्तेमाल

जब ग्राम पंचायतों को ओडीएफ किया जा रहा था तब जनकवा देवी के घर में भी दो शौचालय बनवाए गए थे। शौचालय की राशि का भुगतान भी किया गया था। लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया था।

The soil filled in the toilet is not used
शौचालय में भर दी मिट्टी नहीं होता इस्तेमाल

लेकिन जनकवा देवी और उनके परिजनों के द्वारा एक भी दिन शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया गया। इतना ही नहीं धीरे-धीरे उक्त शौचालय में मिट्टी भर दिया गया, जिससे वह पूरी तरह जमींदोज हो गया है। पूछने पर जनकवा देवी ने कहा कि यह तो ऐसे ही रखे रखे मिट्टी से ढक गया है।

मुंगेर में बेकार पड़ा चलंत शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत मुंगेर जिला को वर्ष 2018 में ही ओडीएफ जिला घोषित कर दिया गया। लेकिन आज भी शहर से लेकर गांव तक लोग खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं।

Mobile toilet lying idle in Munger
मुंगेर में बेकार पड़ा चलंत शौचालय

शहर में बने अधिकांश सामुदायिक शौचालय में या तो ताला लटका हुआ है अथवा जो खुले हैं उसमें गंदगी का भरमार है। जिसके कारण उपयोग नहीं हो रहा है।

अनुमंडल परिसर स्थित सार्वजनिक शौचालय में जड़ा ताला

खुले में शौच मुक्त जिला बांका घोषित है। वर्ष 2019 में पंचायत के तत्कालीन मुखिया ने इसकी स्वघोषणा की थी। शौचालय का निर्माण भी काफी संख्या में हुआ है। गरीब व वंचित गांव में भी शौचालय की योजना बड़ी तेजी से ले जायी गयी।

Lock in the public toilet located in the subdivision complex of Banka
बांका के अनुमंडल परिसर स्थित सार्वजनिक शौचालय में जड़ा ताला

परंतु, देखा जाय तो ओडीएफ घोषित इस जिले के दो चेहरे हैं। अगर जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां अनुमंडल कार्यालय परिसर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। लेकिन, लंबे वक्त से इसमें ताला जड़ा हुआ. साफ-सफाई के अभाव में यह कूड़ेदान के रूप में बदल गया है।

साभार: प्रभात खबर

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