वर्दी में लौटी बहु तो ससुराल वालों ने लव मैरिज को अपनाया, SSB जवान बनी तो आरती दिखाकर हुआ स्वागत
बिहार के नवादा का दीपक और गया की सुगम ने खुद को इस तरह से काबिल बनाया कि जो घर वाले कभी लवमैरेज के खिलाफ थे, आज उन्होंने आरती दिखाकर दोनों का स्वागत किया। प्रेम विवाह करने के कारण दीपक के घरवालों ने दोनों के लिए घर के दरवाजे बंद कर लिए थे। दोनों ने काफी मुश्किलों से खुद को संभाला। पहले तो ट्यूशन पढ़ा कर घर की आर्थिक तंगी को दूर किया। फिर बाद में सुगम ने SSB की परीक्षा पास कर दोनों की जिंदगी को एक नई पहचान दिलवाई।
दरअसल, दीपक कुमार नवादा जिले के गोविंदपुर थाना इलाके के डेल्हुआ गांव निवासी मुकेश प्रसाद के पुत्र है। सुगम गुप्ता गया जिले के टनकुप्पा निवासी अनिल साव की बिटिया है। साल 2018 में दोनों की मुलाकात गया टाउन में एक कोचिंग सेंटर में हुई थी। दोनों कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते थे। पढ़ाई के दौरान दोनों की जान पहचान हुई। दोनों के बीच दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। दोनों की जाति अलग-अलग थी। ऐसे में दोनों ने परिजनों को बिना बताए शादी कर ली। शादी से दोनों पक्ष के परिजन बहुत नाराज थे।
सुगम ने किया SSC जीडी क्वालीफाई
गांव के रीति रिवज अंतरजातीय विवाह पर भारी पड़ रहा था। ऐसे में दोनों गोविंदपुर बाजार में ही किराए के आवास में रहने लगे। जिवनयापन करने के लिए दोनों ने मिलकर कोचिंग शुरू कर दी। कोचिंग से आर्थिक समस्या भी दूर हुई और सुगम SSC जीडी भी क्वालीफाई कर गई।
महिलाओं द्वारा आरती-मंगल से हुआ स्वागत
सुगम ने बताया कि 20़18 में ही SSB का फार्म भरा था। 2019 में शारीरिक जांच परीक्षा हुई। 20 अप्रैल 21 को ज्वाइनिंग हो गई। आसाम के सलोनीबाड़ी में 11 माह तक ट्रेनिंग के बाद बहराइच में पोस्टिंग मिली। नौकरी में 3-4 दिनों की ड्यूटी कर छुट्टी लेकर पति के साथ घर लौटी तो यहां घर-परिवार से लेकर गांव-टाले की महिलाओं द्वारा आरती-मंगल से स्वागत किया गया।
सुगम ने बताया कि कुछ माह कठिनाइयों के बीते, फिर सब कुछ ठीक होता चला गया। सुगम आगे का लक्ष्य एसएससी एलडीसी को क्रैक करना बता रही है। विधायक मो. कामरान, पूर्व उपप्रमुख रेखा देवी सहित इलाके के बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने सुगम को बधाई, शुभकामनाएं दी है।