बिहार में गजब घोटाला, रेलवे इंजीनियर ने बेच डाला ट्रेन का इंजन
बिहार में गजब घोटाला, रेलवे इंजीनियर ने बेच डाला ट्रेन का इंजन- समस्तीपुर रेल मंडल के एक इंजीनियर ने ऐसा घोटाला कर दिया जिसे सुनकर आपको नटवर लाल की याद आ जाएगी । जनाब ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर मौजूद पुराना वाष्प इंजन को ही बेच डाला । चलिए जानते हैं क्या है माजरा ।
इंजीनियर ने बेच डाला ट्रेन का इंजन
समस्तीपुर रेल मंडल के इंजीनियर राजीव रंजन झा ने नटवरलाल को भी पीछे छोड़ते हुए एक दारोगा व अन्य कर्मियों की मिलीभगत से पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर मौजूद पुराना वाष्प इंजन को बेच दिया। इंजीनियर ने पूरी सफाई से डीएमई के फर्जी पत्र का सहारा लेकर यह खेल खेला। इंजन की अवैध बिक्री 14 दिसंबर को ही हो गई थी लेकिन इसका राज दो दिन पूर्व खुला।
आरपीएफ ने किया इंजन का हाइड्रा बरामद
पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के आउट पोस्ट प्रभारी एम एम रहमान के आवेदन पर रविवार की शाम इस संदर्भ की प्राथमिकी बनमनखी आरपीएफ पोस्ट में दर्ज की गई। इसमें इंजीनियर, शेड पर तैनात दारोगा समेत सात लोगों को नामजद किया गया जिसके बाद विभाग द्वारा इंजीनियर के साथ-साथ डीजल शेड के दारोगा समेत तीन लोगों को निलंबित किया गया जा चुका है। ।आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रविवार की रात ही गुलाबबाग से इंजन का हाइड्रा बरामद कर लिया है।
पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर लम्बे समय से पड़ा था वाष्प इंजन
जानकारी के लिए आपको बता दे की वाष्प इंजन पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर लंबे समय से पड़ा हुआ था। 14 दिसंबर को इंजीनियर राजीव रंजन झा यहां पहुंचे और इंजन को कटवाने लगे। इस पर आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान ने जब उन्हें रोका तो इस बाबत उसने पोस्ट प्रभारी को डीएमई का फर्जी पत्र दिखा दिया।
ड्यूटी पर तैनात एक महिला कर्मी संगीता कुमारी ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इस स्थिति में मामले की जांच शुरु हुई और पूरा वाकया सामने आ गया। फिलहाल इंजीनियर के इस फर्जीवाड़े के खेल ने रेल कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों को भी हैरत में डाल दिया है।
डीआरएम का क्या है कहना?
डीआरएम आलोक अग्रवाल ने इस पुरे मामले पर कहा कि मुझे पता चला कि मेरे एक कर्मचारी ने पूर्णिया में पड़े हमारे स्क्रैप को डीजल शेड ले जाने के नाम पर धोखा किया है। बाद में पता चला कि जहां ले जाने की बात कही गई थी वहां पर स्क्रैप पहुंचा ही नहीं। इस चीज को हमने संज्ञान में लिया और कार्रवाई कर रहे है।दोषी है उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों को निलंबित भी किया जा चूका है । एफआईआर हुई है और उसके बाद रेल संपत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है ।