बिहार के पहले मुख्यमंत्री की जयंती पर श्रीकृष्ण सेतु का तोहफा, निर्माण अंतिम चरण में
31 जनवरी को बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती है। इस दिन मुंगेर और खगडि़या के बीच गंगा में बनी पुल का उद्घाटन किया जा सकता है। इससे पहले दो बार पुल के शुभारंभ की तिथि टल चुकी है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जंयती 31 जनवरी को है। इनके नाम पर ही मुंगेर-खगडिय़ा पर बने गंगा पुल का नाम रखा श्रीकृष्ण सेतु रखा गया है। श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ का काम लगभग पूरा हो गया है। कुछ पीचिंग का काम बचा हुआ है। पुल निर्माण में लगी एजेंसी का दावा है दो से तीन तीन दिनों में यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा। जयंती समारोह पर पुल का शुभारंभ होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
श्रीकृष्ण सेतु के शुभारंभ का दो बार सरकारी तिथि टल गई है। ऐसे में श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर पुल आम जनता के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है। हालांकि, अभी तक इस दिशा में प्रशासन की ओर से निर्देश नहीं मिला है, पर अंदर ही अंदर 31 जनवरी को पुल के शुभारंभ होने की बात चल रही है।
जानिए श्रीकृष्ण सेतु का इतिहास
श्रीकृष्ण सेतु मुंगेर गंगा पुल बिहार में एक रेल-सह-सड़क पुल है यह पुल मुंगेर जिला मुंगेर-जमालपुर जुड़वां शहरों को उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से जोड़ता है । श्रीकृष्ण सेतु मुंगेर गंगा ब्रिज बिहार में गंगा पर तीसरा रेल-सह-सड़क पुल है। पुल पर निर्माण कार्य का उद्घाटन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में वीडियो कॉन्फ्रेंस सिस्टम के माध्यम से किया था। पुल को औपचारिक रूप से 12 मार्च 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा माल गाड़ियों के लिए खोला गया था।
एप्रोच पथ पर सड़क मार्किंग व साइडर का काम पूरा
पुल से लेकर एप्रोच पथ पर बचे हुए काम तेजी से चल रहा है। पुल के सड़क पिचिग से लेकर सड़क मार्किंग व साइडर के रंग-रोगन का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। एप्रोच पथ के टर्निंग प्वांट पर वानिकी कालजे व टीकारापुर में सेफ्टी के लिए स्टील के पिलर लगाए जा रहे है।
अंडर पास का निर्माण अंतिम चरण में
चौखंडी से चुरंबा के बीच अभी पीचिंग का काम नहीं हुआ है। चंडिका स्थान के पीछे लगभग आठ सौ मीटर में पीचिंग का काम अधूरा है। चौखंडी के अंडर पास का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। काला पत्थर के पास अभी लेअर ही पीचिंग हुआ है। मुरली पहाड से दूध पैक्ट्री के बीच मिट्टी पीचिंग का काम किया जा रहा है। काला पत्थर से आगे नया गांव के पास अंडर पास का अभी पूरा नहीं है।