UPSC की तैयारी छोड़ सूर्य प्रकाश कर रहे मशरूम की खेती, जाने कैसे कमा रहे सालाना 10 लाख?
नौकरी की आस छोड़िए और व्यापार से नाता जोड़िए। यह बातें बिहार के जहानाबाद निवासी सूर्य प्रकाश ने कही। सूर्य ने बताया, ‘मशरूम की खेती करके अब सालाना औसतन 10 लाख रुपए कमा रहे हैं।’ मीडिया से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने सीजनल प्लांट लगाया और अब दो कमरे में सालभर खेती कर लाखों कमा रहे हैं।
उन्होंने UPSC की तैयारी छोड़कर 2019 में मशरूम की खेती शुरू की। फिलहाल वह दो कमरे में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं और वहीँ से प्रतिदिन औसतन 2000 हजार रुपए कमा रहे हैं।
![Mushroom farming earns millions](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Mushroom-farming-earns-millions.jpg)
सीजनल प्लांट से शुरू की खेती
जहानाबाद शहर के मलहचक मुहल्ला निवासी सूर्य प्रकाश राजनीतिक शास्त्र से M.A.हैं। 2015 में वह दिल्ली में UPSC की तैयारी करने पहुंचे। लगभग 3 साल तैयारी करने के बाद जब सफल नहीं हुए तो गांव लौट आए।
![Started mushroom cultivation by planting seasonal plants](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Started-mushroom-cultivation-by-planting-seasonal-plants.jpg)
उन्होंने बताया, की ‘2019 में सीजनल प्लांट लगाकर मशरूम की खेती शुरू की। पहले साल तो उतनी सफलता नहीं मिली, लेकिन दूसरे साल से अच्छी पैदावार हो रही है। मार्च 2021 में घर में ही दो कमरे में मशरूम की खेती शुरू की थी। अब सालाना 10 लाख रुपए कमा रहे हैं।’
आप भी कर सकते हैं मशरूम की खेती
![The most important thing for mushroom cultivation is to prepare compost](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/The-most-important-thing-for-mushroom-cultivation-is-to-prepare-compost.jpg)
मशरूम की खेती करने के लिए सबसे जरूरी काम है कंपोस्ट की तैयारी करना। अमूमन पैदावार पूरी तरह इसी पर निर्भर है। सूर्य प्रकाश ने बताया, ‘सबसे पहले कंपोस्ट बनाने के लिए सभी चीजों को एक खास अनुपात में होना चाहिए। पहले 1000 किलो गेहूं के भूसे की जरूरत होती है। इसमें चिकेन मैन्यूर (मुर्गी के बीट) 30% या सरसों की खल्ली 30% डाली जाती है।
उस मिश्रण में जिप्सम- 3%, यूरिया- 2-2.5%, सल्फर- 3%, DAP – 1% मिलाया जाता है। इस मिश्रण में 25 किलो बीज डाला जाता है। कंपोस्ट को या तो टनल मेथड या पाइप मेथड से तैयार किया जाता है। कंपोस्ट को तैयार होने में औसतन 45 दिनों का समय लगता है। तब तक ह्यूमिटडिटी (आर्द्रता) 80 से 85% चाहिए।’
कंपोस्ट तैयार होने के बाद निकलता है मशरूम
![Mushroom emerges after compost is prepared](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Mushroom-emerges-after-compost-is-prepared.jpg)
कंपोस्ट को एक बैग में डाला जाता है। फिर इस बैग को ठंड में 80-85% ह्यूमिडिटी वाले रूम में रखा जाता है। इसके लिए फायर ह्यूमिड मशीन लगाकर मेंटेन कर सकते या जूट बैग को गीला कर इसे मेंटेन किया जा हैं। सीजनल प्लांट में सिर्फ ठंड में पैदावार हो सकता है।
जबकि, AC कमरे में हर महीने कमाई हो सकती है। 45 दिनों में कंपोस्ट बैग से हर दिन औसतन 15-20 kg उत्पाद होने लगता है। ठंड में 160 रुपए प्रतिकिलो तो ऑफ सीजन 220-250 रुपए प्रतिकिलो मशरूम बिकता है।
दिसंबर से अब तक 5 टन पैदावार
![5 tonnes of mushroom yield since December](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/5-tonnes-of-mushroom-yield-since-December.jpg)
सूर्य प्रकाश ने बताया की ‘अक्टूबर में इस सीजन कंपोस्ट बनाना शुरू किया। दिसंबर से पैदावार शुरू हो गई, जो अब तक जारी है। दोनों कमरों से जहां 1 टन पैदावार हुई। वहीं, सीजनल प्लांट से 4 टन पैदावार हो चुकी है।
सीजनल प्लांट को तैयार करने में जहां 1 लाख 80 हजार रुपए खर्च हुए। वहीं, कमरों में ऑल सीजन पैदावार के लिए 2 लाख का खर्च लगा है। इस साल अब तक 5 टन मशरूम मार्केट में पहुंचा चुके हैं। लगन को लेकर इन दिनों डिमांड अधिक है।’