मधुबनी के पिपराघाट पर इस वर्ष भी मनाया जाएगा दीपोत्सव, जाने क्यों है खास
बीते वर्ष भी बिहार के मधुबनी जिले के पिपराघाट पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया था। इसी प्रथा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी इसका आयोजन बड़े धूमधाम के होने वाला है। यह कई मायने में खास है। जानिए क्यों?
मिथिला मिरर एवं नीरा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कमला आरती का भी आयोजन किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष ललित नारायण झा द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 22 अक्टूबर 2022 को धनतेसर की शाम को 11 हजार दीपों से त्रिवेणी तट को सजाया जाएगा।
भव्य कमला आरती के लिए विख्यात
जानकारी के लिए बता दें कि इसके अलावे यहां विद्वानों एवं पंडितों के द्वारा भव्य कमला आरती की जाएगी। पिछले वर्ष भी 1001 दीपों के साथ पिपराघाट में दीपोत्सव मनाया गया था।
पिपराघाट त्रिवेणी तट का शास्त्रीय एवं पौराणिक प्रमाण दुनिया के सामने विद्यमान है। सायद आपको न पता हो लेकिन ऐसा संगोग भारतवर्ष में सिर्फ दो ही जगहों पर है, एक प्रयागराज और दूसरा पिपराघाट।
प्रयागराज के सामान है पिपराघाट की मान्यता
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जहां गंगा-यमुना सदृश्य हैं जबकि सरस्वती अदृश्य हैं ठीक इसी तरह से पिपराघाट में कमला-बलान नदी सदृश्य हैं जबकि सोनी अदृश्य हो चुकीं हैं।
इस पौराणिकता के देखते हुए संस्था के अध्यक्ष ललित नारायण झा मधुबनी के तत्कालिन जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के सहयोग से इस जगह को बिहार सरकार के राजकीय धरोहर के रूप में शामिल करवाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।
पिपराघाट में रिवर फ्रंट बनाने की हो रही मांग
मिथिला मिरर एवं नीरा फाउंडेशन बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा से मिलकर साबरमती तट पर बने रिवर फ्रंट जैसा रिवर फ्रंट पिपराघाट में बनवाने की गुहार लगा चुके हैं, जिसपर मंत्री ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मंत्रालय से इस पर आगे काम करने की इच्छा जताया हैं।
दीपोत्सव एवं कमला आरती के इस पावन अवसर पर राजनीतिक, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों से गई गणमान्य लोागों की उपस्थिति रहेगी।