बिहार के पौने तीन लाख लोगों ने बनवाया विदेश जाने का पासपोर्ट, 17 दिनों में हो रही पुलिस जांच
बिहार से विदेश जाने की चाहत रखने वालों की तादाद कोरोना संक्रमण के मामल में घट गई है। 2021 में आवेदकों की संख्या काफी कम रही। जबकि लाकडाउन के दौरान भी क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना में लंबित मामले का निबटारा किया गया था। उन्होंने बताया कि अब पुलिस जांच की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है। इसके बावजूद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना द्वारा वर्ष 2021 में दो लाख 70 हजार 438 लोगों को पासपोर्ट जारी किया गया। जबकि दो लाख 85 हजार 262 लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। इससे विभाग को करीब 45 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। कोरोना के कारण पासपोर्ट आवेदकों की संख्या में गत वर्षों के मुकाबले काफी गिरावट आई है।

बिहार के 34 डाकघरों में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ताविशी बहल पांडेय ने बताया कि दूर-दराज से आने वाले आवेदकों के लिए पटना और दरभंगा क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अलावा बिहार के 34 जिलों के मुख्य डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र की शुरुआत की गई थी। उन केंद्रों में भी गत वर्ष के मुकाबले 2021 में आवेदकों की संख्या काफी कम रही।
जबकि लाकडाउन के दौरान भी क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना में लंबित मामले का निबटारा किया गया था। उन्होंने बताया कि अब पुलिस जांच की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है। एम पासपोर्ट पुलिस एप बिहार के 1,082 थाना व उपथानों में लागू हो चुका है। इससे जांच में लगने वाला समय काफी कम हो गया है। वर्तमान में पुलिस जांच का औसतन दिन 17 है।
एम पासपोर्ट पुलिस ऐप से यह होगा फायदा

- ऐप के माध्यम से थानों के सत्यापन अधिकारी डिजिटल तरीके से आवेदकों की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेज सकेंगे।
- पुलिस के लिए इस ऐप से फार्म डाउनलोड करने और उसके प्रश्नावली को प्रिंट करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- पुलिस सत्यापन प्रक्रिया शुरू से अंत तक डिजिटल तरीके से पूरी की जा सकेगी।
- पुलिस के सत्यापन प्रक्रिया में लगने वाला समय अब काफी कम हो जाएगा।
- बिहार के सभी जिलों में डिजिटल एकीकृत पीएचक्यू मॉडल के द्वारा पुलिस सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत होने से इसमें लगने वाले औसत समय में भारी कमी आएगी।
फर्जी दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के मुताबिक 2021 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। फर्जी दस्तावेज बनाने वाले दलाल एवं बनवाने वालों पर अलग-अलग जिलों में मुकदमा कराया गया और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने अपील की कि आवेदक दलालों के चक्कर में ना पड़ें। सीधे अधिकारियों से संपर्क करें।