Train reached Saharsa from Jhanjharpur after 88 years

बिहार: 88 साल बाद झंझारपुर से सहरसा पहुंची ट्रैन, रेल मंत्री ने रेलवे लाइन का किया उद्घाटन

1934 के भूकंप में दो हिस्सों में बंटा मिथिलांचल आखिरकार 88 साल बाद आज फिर जुड़ गया। शनिवार को मिथिलांचल के एक हिस्से लहेरियासराय से चली ट्रेन जब 3 घंटे 30 मिनट बाद सहरसा पहुंची तो इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को हजारों की भीड़ मौजूद रही। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरी झंडी दिखाई और 10 कोच वाली डीएमयू ट्रेन सहरसा के लिए रवाना हुई।

रेल संचार सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर -निर्मली नव आमान परिवर्तित रेलखंड (32 किमी) तथा निर्मली – आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन (06 किमी) का उद्घाटन किया गया। इसके उपरांत माननीय रेल मंत्री महोदय द्वारा नए रेलखंड पर ट्रेन सेवाओं के परिचालन का शुभारंभ गाड़ी संख्या 05553 झंझारपुर – सहरसा डेमू स्पेशल को उद्घाटन स्पेशल के रूप में हरी झंडी दिखाकर किया गया।

Inauguration of Jhanjharpur-Nirmali New Gauge Converted Railway Section
झंझारपुर -निर्मली नव आमान परिवर्तित रेलखंड का उद्घाटन

बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा की मांग पूरी

रेल मंत्री ने कहा – मिथिलांचल और सीमांचल के लोगों की बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा की मांग पूरी हाेने से वह गौरवान्वित हैं। 1934 के भूकंप के कारण मिथिलांचल दो भागों में बंट गया था। अब ट्रेन सेवा बहाल होने से मिथिलांचल और कोसी का दिल फिर एक हाे गया है।

The demand for the much awaited train service of the people of Mithilanchal and Seemanchal has been fulfilled.
मिथिलांचल और सीमांचल के लोगों की बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा की मांग पूरी

इस अवसर पर माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर में उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आज 88 बर्षों के बाद इस क्षेत्र की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान हुआ है।

बिहार में रेल विकास कार्यों हेतु इस वर्ष 6600 करोड़ रूपये

इस रेलखंड के चालू हो जाने से कोसी नदी के दोनों छोर के लोगों की वर्षों पुरानी लंबित मांग पुरी हो रही है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी का विजन है कि पूर्वी क्षेत्र के उदय से ही भारत का उदय संभव है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बिहार में रेल अवसंरचना एवं यात्री सुविधा के विकास कार्यों हेतु इस वर्ष 6600 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।

विदित हो कि यह परियोजना 206 किलोमीटर लंबे सकरी- लौकहा बाजार निर्मली एवं सहरसा – फॉरबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना का भाग है। इस परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 1584 करोड़ रूपए है।

विभाजित मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित

इसके साथ ही 491 करोड़ रूपए की लागत से कोसी मेगाब्रिज का निर्माण किया गया है जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा 18 सितंबर , 2020 को देश को समर्पित किया गया था।

Rail connectivity between divided Mithilanchal restored
विभाजित मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित

32 किमी लंबे झंझारपुर- निर्मली आमान परिवर्तन तथा 06 किमी लंबे निर्मली – आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन के निर्माण पर 456 करोड़ रूपए की लागत आयी है । इस रेलखंड के चालू हो जाने से 88 वर्षों के बाद दो भागों में विभाजित मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित हो जाएगा।

कई गणमान्य अतिथिगण थे उपस्थित

इस अवसर पर झंझारपुर स्टेशन पर भी एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें माननीय ऊर्जा , योजना एवं विकास मंत्री , बिहार सरकार , श्री बीजेंद्र प्रसाद यादव ; माननीया परिवहन मंत्री , बिहार सरकार , श्रीमती शीला कुमारी ; माननीय सांसद , झंझारपुर , श्री रामप्रीत मंडल ; माननीय सांसद , सुपौल , श्री दिलेश्वर कामैत ; माननीय सांसद , मधेपुरा , श्री दिनेश चन्द्र यादव ; माननीय विधायक झंझारपुर , श्री नीतीश मिश्रा सहित कई गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।

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