पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत को बिहार के युवक का सलाम, बनाया बिना डीजल के चलने वाला ट्रैक्टर
बिहार में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। समय-समय पर इसकी झलक भी हमें भी देखने को मिलती है, लेकिन बेतिया के लाल ने जो कमाल किया है, वह वाकई में काबिले तारीफ है। कभी जिस इलाके में हथियार बनाए जाते थे और जहां दस्यु सरगनाओं की चहलकदमी हुआ करती थी, उस इलाके के युवक अपनी शिक्षा और सूझबूझ से नया इतिहास रच रहे हैं। यह कहानी है उस बदलते भारत की जिसका सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देखा है। पीएम नरेन्द्र मोदी की प्रेरणाप्रद बातों का एक बीएससी पास युवक पर ऐसा जादू हुआ कि उसने बगैर डीजल से चलने वाला ट्रैक्टर बना दिया। मानव ऊर्जा से चलने वाले इस ट्रैक्टर की लागत महज 20 हजार रुपये है। इसे छोटे किसान भी खरीद सकते हैं और खेती-किसानी में भी उन्हें फायदा हो सकता है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह ट्रैक्टर मील का पत्थर साबित होगा।
पश्चिमी चंपारण जिले के नौतन प्रखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव धूमनगर के रहनेवाले संजीत ने ऐसा कमाल कर दिखाया है, जो एक मिसाल है। संजीत ने बेतिया से ही बीएससी किया और उसके बाद एक दिन पीएम मोदी को स्वच्छ भारत मिशन पर बोलते हुए सुना। इसके बाद उसने ऐसा कुछ करने का सोचा जिससे वह देश की उन्नति और प्रगति में भागीदार बन सके। फिर क्या था संजीत ने एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया है जो पेट्रोल या डीजल से नहीं, बल्कि मानव उर्जा से चलेगी। जिसे चाहे तो हर किसान खरीद सकता है और अपनी खेती को बढ़ावा दे सकता है।

संजीत की इस उपलब्धि पर न सिर्फ गांव वाले बल्कि इस इलाके के जनप्रतिनिधि भी काफी खुश हैंं। वे हर तरह से संजीत को सहयोग करने का भरोसा दे रहे हैं। ग्रामीण आज संजीत की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं, और अपने लाल के कमाल पर गर्व भी कर रहे हैं। बिहार में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। समय-समय पर इसकी झलक भी हमें भी देखने को मिलती है, लेकिन बेतिया के लाल ने जो कमाल किया है, वह वाकई में काबिले तारीफ है। यूं कहें कि आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी की जो परिकल्पना पीएम मोदी ने की है, वह गांधी की धरती पर साकार होता दिख रहा है।