20 lakh petrol and diesel is being wasted every day due to this reason

इस वजह से रोजाना बर्बाद हो रहा है 20 लाख का पेट्रोल-डीजल, गाड़ियों की लाइफ भी कम, जानें मामला

10 किमी की परिधि के शहर में जाम की समस्या नासूर बन गई है। वाहनों से शहर में निकलना भी अब आसान नहीं रह गया। जगह-जगह जाम लगे रहने से गाड़ियां रेंगती हुई चलती है। इसका असर हमारी जेब पर भी पड़ रहा है। ऑटो एक्सपर्ट बताते हैं कि जाम की वजह से करीब-करीब 20-25 प्रतिशत तेल यूं ही जल जाता है। इससे गाड़ियों की लाइफ भी कम हो रही है और प्रदूषण से पर्यावरण को खतरा भी पहुंच रहा है।

petrol and diesel wasted
रोजाना बर्बाद हो रहा पेट्रोल-डीजल

जाम से गाड़ियों की लाइफ कम हो रही है, चार साल में खुल रहा इंजन : एक्सपर्ट

ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट मैकेनिकल इंजीनियर सरफराज खान बताते हैं, कि जाम की वजह से नॉर्मल माइलेज घटकर 60-70 प्रतिशत आ जाता है। यानी गाड़ी सही कंडीशन में भी रहे तो 30 से 40 फीसदी तेल जाम में जल जाता है। इससे गाड़ियों की लाइफ भी कम हो जाती है। यही कारण है कि भागलपुर में बाइक का इंजन चार से पांच साल में खुल जाता है।

बड़ी गाड़ियों की सर्विसिंग हरेक दो से तीन माह में जरूरी हो जाती है। सरफराज बताते हैं कि बड़ी कंपनियों के इंटरनल सर्वे में यह आया है, कि भागलपुर के 10-15 किमी के शहरी इलाकों में प्रतिदिन कम से कम एक लाख गाड़ियों की आवाजाही होती है। यदि एक लीटर पेट्रोल-डीजल का 30 प्रतिशत जाम में ही जल जाए तो सामान्य लोगों का बजट जरूर बिगड़ जाएगा।

हमेशा क्लच-गियर बदलने से तेल 30 फीसदी तक अधिक जलता है: ऑटोमोबाइल इंजीनियर

जाम की शुरुआत जीरोमाइल से होती है। यह हाल चंपानाला पुल तक दिनभर रहता है। बहादुरपुर स्थित एक बड़ी कंपनी के ऑथोराइज्ड सर्विस स्टेशन में कार्यरत ऑटोमोबाइल इंजीनियर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जाम में क्लच और गियर का अधिक उपयोग होता है। जितनी बार यह दबेगा, तेल उतना अधिक कार्बेटर में जाएगा।

कार्बेटर में अधिक तेल जाने पर वह तेजी से जलता है और धुआं निकलता है। भागलपुर के शहरी इलाकों में जाम के चलते एक वाहन चालक को कम से 250 बार क्लच-गियर दबाना पड़ता है। ऐसे में कम से कम 20-30 प्रतिशत तेल जाम में जलना स्वाभाविक है।

जानिए जाम से पेट्रोल-डीजल की बर्बादी का गणित

एक दिन में कम से कम एक लाख वाहनों की आवाजाही शहर में होती है। एक लीटर में यदि औसत 20 प्रतिशत तेल जाम में फंसने की वजह से जलता है तो हमारी जेब से 20 रुपये रोज बर्बाद हो रहे हैं। यानी 20 लाख रुपये रोज जाम में जल रहा है। मंथली बात करें तो 6 करोड़ और सालाना 72 करोड़ रुपये की बर्बादी सिर्फ जाम की वजह से हो रहा है।

शहर की इन जगहों पर लगता है भीषण जाम

जीरोमाइल चौक, तिलकामांझी चौक, कचहरी चौक, सैंडिस के सामने, डीआईजी कोठी, मनाली चौक, आदमपुर चौक, मानिक सरकार चौक, जोगसर चौक, बूढ़ानाथ मंदिर के पास, सराय, रामसर, तातारपुर, स्टेशन, उल्टा पुल, कोतवाली चौक, मंदरोजा, खलीफाबाग चौक, घंटाघर, वेरायटी, सूजागंज, आनंद चिकित्सालय रोड, पटेल रोड, डिक्शन चौक, त्रिमूर्ति चौक, शीतला स्थान चौक, सिकंदरपुर पानी टंकी, गुड़हट्टा चौक, अलीगंज मोड़।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *