बिहार के पांच मेडिकल कॉलेजों में दिसंबर 2022 तक बनेंगे 1009 बेडों के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
बिहार राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि बिहार के पांच मेडिकल कॉलेजों में अगले वर्ष दिसंबर 2022 तक एक हजार नौ बेड के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल तैयार हो जायेंगे। वे सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के चरण तीन के तहत दरभंगा और मुजफ्फरपुर तथा चौथे चरण में गया, भागलपुर और पटना में मौजूद सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन की मंजूरी दी गयी है।
इन सभी में एक हजार नौ सुपर स्पेशिलिटी बेडों के अस्पताल को तैयार करने के लिए 900 करोड़ की लागत आयेगी। इसमें 665 करोड़ राशि जारी कर दी गयी है. उन्होंने इन अस्पतालों में कार्य की प्रगति बताते हुए कहा कि गया के जीएमसी में 87 प्रतिशत, भागलपुर में 84 प्रतिशत, दरभंगा में 82, मुजफ्फरपुर में 69 और पीएमसीएच में 16 प्रतिशत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर निर्माण में देरी हो गयी है।
इसका मुख्य कारण भारी बारिश के कारण साइट पर पानी भर गया था और कोविड-19 के कारण श्रम एवं निर्माण सामग्री की आपूर्ति में भी समस्या हो रही थी। मुजफ्फरपुर में ठेकेदार की कोताही के अलावा कुछ स्थानों जमीन मिलने के बाद भी इसके निर्माण में देरी हो रही है, जो इनके निर्माण में देरी के मुख्य कारण हैं। इन सभी पांच सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को अगस्त 2019 तक पूरा हो जाना था, अब दिसंबर 2022 तक पूरे होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने वृद्धजन स्वास्थ्य परिचर्या के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत पीएमसीएच में नये क्षेत्रीय जरा चिकित्सक केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी थी। इसके लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हो चुका था, लेकिन अब उसे एनएमसीएच में स्थानांतरित करना संभव नहीं है।