पति ने तलाक दिया तो बन गई दरोगा, दो बच्चों के साथ भूखी रही पर पढाई नहीं छोड़ी, पढ़े संघर्ष की कहानी
अभी कुछ दिन पहले ही दरोगा का रिजल्ट आया है। इसमें एक ऐसी बहू दारोगा बनी है, जिसकी कहानी खुद में मिसाल है। नाम है- ब्यूटी। उम्र है-33 साल। पति से तलाक के बाद सबसे बड़ी समस्या दो बच्चों की परवरिश की चिंता थी। बीच-बीच में ससुराल वालों के ताने सुने पर हिम्मत नहीं हारी। ब्यूटी ने शिक्षा को हथियार बनाकर सब को मुंहतोड़ जवाब दिया। ब्यूटी ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर दरोगा बन गई। पढ़िए उनके संघर्ष की कहानी…
विपरीत हालातों के बावजूद पूर्णिया के बाड़ीहाट की ब्यूटी कुमारी के लिए प्रताड़ित बहू से दरोगा बनने तक का सफर आसान नहीं था। ससुराल और पति से मिलने वाली ताने और अपशब्दों को सहा। पति की तलाक की धमकियों को शांत रहकर सहना पड़ा। कई ऐसी रातें कटीं जब न सिर्फ वे खुद भूखे पेट सोई बल्कि बच्चों को भी भूखे पेट सुलाया।

ब्यूटी की परेशानी और अधिक बढ़ गई
ब्यूटी बताती हैं कि 2008 में उनकी शादी हुई। 2009 में बेटा और 2010 में बेटी को जन्म देने के बाद पति परेशान करने लगे। हालात इतने बदतर हो गए कि बच्चों के गुजारे के लिए मायके वालों से रुपए लेकर घर चलाया।

इसके बाद साल 2013 में पति ने बांद्रा कोर्ट में तलाक की अर्जी दी। घर वालों की मदद से किसी तरह यह केस लड़ती रहीं। 2015 में पति के तलाक के मनसूबों पर पानी फिर गया। इस लड़ाई को जीतने के बाद ब्यूटी की परेशानी और अधिक बढ़ गई।
पढ़ाई ही एक मात्र विकल्प बचा, बनी मिसाल

ब्यूटी को 2015 में एहसास हुआ कि पढ़ाई ही एक मात्र विकल्प है, जिसके जरिए वे सबको जवाब दे सकती हैं। इसके बाद कई बार पति और ससुराल वालों ने पढ़ाई रोकने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय दीपक कुमार दीपू और समाज के दूसरे लोगों ने ढांढ़स बढ़ाया। भाई और घर वालों ने पूरा सपोर्ट दिया। ब्यूटी कहती हैं कि लड़कियों के लिए सबसे जरूरी अपनी पढ़ाई पूरी करनी है।
बेटी साथ रही, बेटा को नानी के घर भेजा
ब्यूटी ने मुजफ्फरपुर और पूर्णिया दोनों जगहों पर रह कर की। उसने पूर्णिया में 15 दिन दौड़ की ट्रेनिंग ली। बेटी को अपने साथ रखा, जबकि बेटे को नानी के घर भेज दिया।
