बिहार के मजदूरों के बच्चे सीखेंगे अंग्रेजी और कंप्यूटर, जानिए सरकार की यह नई योजना के बारे में
अब बिहार में भवन निर्माण में लगे कामगार या उनके आश्रित व बच्चे अंग्रेजी व कम्प्यूटर की शिक्षा लेंगे। इसका मुख्या उद्देश्य बच्चों को रोजगार दिलाना व आत्मनिर्भर बनाना है। श्रम संसाधन विभाग ने इसके लिए योजना बनाई है।
बिहार के मजदूरों के बच्चे सीखेंगे अंग्रेजी और कंप्यूटर
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत कामगारों के साथ ही उनके आश्रितों व बच्चों को प्रशिक्षण की प्राथमिकता मिलेगी। इस योजना को लेकर विभाग के मिशन निदेशक ने सभी केंद्र संचालकों को आदेश जारी कर दिया है। इस योजना के तहत राज्य के निबंधित 18 लाख से अधिक कामगारों व उनके परिजनों को लाभ मिलने का अनुमान है।

कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिए जाने की योजना पर सहमति
विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत निबंधित निर्माण श्रमिकों व उनके आश्रितों को प्रशिक्षण देने की योजना पर बोर्ड की 23वीं बैठक में सहमति बनी है। निर्णयानुसार निबंधित निर्माण श्रमिकों या उनके आश्रितों को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विभाग चाहती है की इससे कामगारों या उनके बच्चे को कौशल प्रशिक्षण मिले इसके आलावे राज्य में प्रशिक्षण लेने वाले लाभार्थियों की संख्या में भी वृद्धि हो। प्रशिक्षण कार्यक्रम की और कामगारों व उनके आश्रितों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाया जाएगा। विशेष प्रचार अभियान के तहत भवन निर्माण वाले स्थलों पर कुशल युवा कार्यक्रम के बारे में बताया जाएगा।
अब तक 15 लाख 96 हजार 25 लोगों का पंजीकरण
मिली जानकारी के अनुसार अब तक 15 लाख 96 हजार 25 लोगों का पंजीकरण हुआ है जिसमें से 11 लाख 90456 को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 11 लाख 58 107 युवाओं को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा चूका है।
इस कार्यक्रम के तहत 240 घंटे का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिसमें भाषा (हिन्दी/अंग्रेजी) एवं संवाद कौशल 80 घंटे, बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान 120 घंटे एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण 40 घंटे का होता है।
राज्य में 15 सौ से अधिक प्रशिक्षण केंद्र
बिहार के 15 से 28 वर्ष (अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं दिव्यांग के लिए अतिरिक्त 5 वर्ष तथा पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के लिए 3 वर्ष अतिरिक्त) के दसवीं उत्तीर्ण युवाओं को संवाद कौशल, हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान, व्यवहार कौशल तथा कम्प्यूटर का मुलभूत प्रशिक्षण दिया जाता है जिसके लिए राज्य में 15 सौ से अधिक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं।