ये है बिहार बोर्ड की इंटर टॉपर्स बेटियाँ, बनना चाहती है IAS, सोशल मीडिया का नहीं करती इस्तेमाल
बिहार बोर्ड ने इंटर परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। सबसे खास बात है कि इंटर के तीनों ही स्ट्रीम में लड़कियों ने बाजी मारी है। आर्ट्स में पूर्णिया से मोहादेशा और कॉमर्स में औरंगाबाद से सौम्या शर्मा व रजनीश कुमार पाठक को सबसे ज्यादा 475 नंबर (95%) मिले हैं। साइंस स्ट्रीम में खगड़िया की आयुषी नंदन टॉपर हैं। उन्हें 474 नंबर (94.8%) मिले हैं।

आपको बता दे की इस वर्ष कुल 83.70% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। यह पिछली बार से 3.55% ज्यादा है। हम आगे आपको बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा के तीनों टॉपर्स के बारे में बताने जा रहे है। आइए जानते है बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा के सभी स्टेट टॉपर्स के बारे में……….
साइंस टॉपर आयुषी बनना चाहती हैं आईएएस
खगड़िया के मानसी प्रखंड के मटिहानी गांव की रहने वाली आयुषी नंदन साइंस स्ट्रीम में स्टेट टॉपर घोषित की गई हैं। खगड़िया शहर के वित्तरहित आरलाल कॉलेज की छात्रा आयुषी नंदन को 94.8 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है।

स्टेट टॉपर बनने पर आयुषी नंदन ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह आगे की पढ़ाई कर आईएएस बनना चाहती हैं। आयुषी ने बताया कि वह कोचिंग क्लास और 8 से 9 घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थी। घर से दूर होने के कारण कॉलेज कम ही जाती थी।

आयुषी ने अपनी सफलता का श्रेय माता- पिता और कोचिंग के शिक्षक को दिया है। बताया कि मैट्रिक परीक्षा में भी वह बिहार में टॉप-10 में आई थी। तब उसे नौवां रैंक आया था। कहा कि माता- पिता का उन्हें हमेशा सहयोग मिलता रहा है।
पिता करते हैं कुटीर उद्योग, घर पर लगा बधाइयों का तांता
आयुषी नंदन के पिता सर्वेश कुमार सुमन अपने घर पर ही कुटीर उद्योग चलाते हैं। दूध से घी और पनीर का उत्पादन कर अपना व्यवसाय करते हैं। मानसी प्रखंड के खुटिया पंचायत के वार्ड-7 निवासी सर्वेश कुमार सुमन और अमीषा देवी की पुत्री आयुषी नंदन बचपन से ही पढ़ने में मेघावी रही है।

अपनी पुत्री की इस सफलता पर आयुषी के माता- पिता घर पर बधाई देने के लिए आनेवाले हर किसी को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। रिजल्ट घोषित होने के साथ ही आयुषी और उनके माता को लोग फोनकर लगातार बधाई दे रहे हैं।
जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष और जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन ठाकुर ने आयुषी को फोन कर शुभकामनाएं दी है और आगे भी बेहतर करने की कामना की है।
आर्ट्स और ओवरऑल टॉपर पूर्णिया की मोहद्दीसा
बायसी की रहने वाली मोहद्दीसा ने उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा हैं। स्टेट टॉपर बनने के बाद डोहबा बारी पंचायत में उनके घर पर जश्न का माहौल है। मोहद्दीसा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि अच्छा रिजल्ट आएगा।

मैट्रिक में भी मैंने अच्छा किया था। उसी समय मैंने सोचा था कि आगे मुझे टॉप करना है। मेरे पिता का नाम मोहम्मद जुनैद आलम और माता का नाम राजिया बेगम है। दोनों बहुत खुश हैं।
उसने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और अपने परिवार को समय देती थी। लेकिन जब पढ़ती थी, तब बाकी कोई काम नहीं करती थी। अच्छे मार्क्स के लिए मैंने ट्यूशन भी किया है। स्कूल से भी काफी सपोर्ट मिला है।
IAS बनने का है सपना, बताई वजह
मोहद्दीसा ने कहा कि उनका सपना IAS बनने का है। आखिर IAS ही क्यों बनना चाहती हैं, इस सवाल पर कहा कि मैं जिस जगह से आती हूं वो बहुत बैकवर्ड है। यहां पर लड़किया सिर्फ मैट्रिक या इंटर तक ही पढ़ाई कर सकती हैं। मैं IAS बन कर यहां के लोगों को मैसेज देना चाहती हूं।

सोशल मीडिया और मोबाइल के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि आज के समय में मोबाइल बहुत ही जरूरी है। बस इसका इस्तेमाल सही तरीके और सही समय से किया जाए।
कॉमर्स से स्टेट टॉपर सौम्या शर्मा
सौम्या शर्मा रफीगंज प्रखंड के जाखिम पड़रिया गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता रविन्द्र शर्मा किसान हैं जबकि मां गृहिणी हैं। चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी हैं।वर्तमान में शहर के श्रीकृष्ण नगर मुहल्ला में रहती हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका सपना था कि मेहनत कर पढ़ाई करें और अव्वल हों।

अपनी मेहनत के बल पर यह सफलता हासिल की है। इसके लिए वह बहुत खुश हैं। सौम्या ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। सौम्या ने बताया कि वह सोशल मीडिया में एक्टिव नहीं हैं। आगे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए तैयारी करनी है।
टॉपर फैमिली से हैं रजनीश, बनना चाहते हैं CA
औरंगाबाद के ही मदनपुर के रहनेवाले शशि रंजन पाठक के बेटे रजनीश कुमार पाठक कॉमर्स में 475 नंबर लाकर स्टेट टॉपर बने हैं। पिता बिजनेस करते है। मां अनीता देवी हाउस वाइफ हैं। घर में रजनीश सबसे बड़े हैं। इनसे छोटे दो भाई आयुष और तन्मय हैं।
रजनीश अभी अपनी बुआ के घर आरा में हैं। खास बात यह है कि रजनीश ने मैट्रिक में भी जिले में टॉप किया था। उनके दादा भी अपने समय में बोर्ड टॉपर रहे हैं। फूफा और बुआ भी टॉपर रह चुकी हैं।

सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के स्टूडेंट रजनीश बचपन से ही चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं। बताया कि मैं दिन भर में करीब सात-आठ घंटे पढ़ाई करता था। इस सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही अपने गुरु को देता हूं। मां मुझे पढ़ाने के लिए रात भर जगा करती थी। हालांकि अगर मुझे सिविल सर्विस करनी होगी तो सीए की पढ़ाई के बाद भी कर सकता हूं।

आरा में रजनीश के फूफा डॉक्टर सुदर्शन कुमार पांडेय ने कहा कि मेरा पूरा परिवार खुश है। हमलोग हमेशा सपोर्ट करते हैं। रजनीश चाहता है कि वो चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बने। लेकिन मैं चाहता हूं कि वो भारतीय प्रशासनिक सेवा या बिहार प्रशासनिक सेवा की तैयारी करे। वर्तमान की स्थिति में बदलाव लाए। लेकिन वो जो बनना चाहता है, उसमें हम सब उसका सपोर्ट करेंगे।

