परंपरागत खेती छोड़ बिहार के किसानों ने शुरू किया मधुमक्खी पालन, 10 लाख की हो रही है कमाई
एक समय था जब किसान के केवल परंपरागत खेती पर आश्रित थे। लेकिन आज के समय में यह घाटे के सौदा साबित हो रहा है। कुछ समझदार किसान अन्य विकल्प की और रुख कर रहे हैं और उसमे सफल भी हो रहे हैं। जानिए खबर।
किसानों के लिए वैकल्पिक खेती का रास्ता अख्तियार करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें भी किसानों के लिए मधुमक्खी पालन बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

सरकार का मिल रहा है सहयोग
इस विशेष प्रकार के व्यवासय से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो रह है साथ ही सरकार भी उनका जमकर सहयोग कर रही है। इसी कड़ी में बिहार के गया जिले में मधुमक्खी पालन का क्रेज अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है।
मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है, तो वहीं इससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित रखने में भी मदद मिल रही है। जानकारी के लिए बता दें कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है।
प्रशिक्षण के बाद शुरू कर सकते हैं व्यवसाय
वहीँ आपको बता दें कि यदि आप इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं, तो सबसे पहले उन्हें प्रशिक्षण लेना होगा और इसके लिए जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर वह प्रशिक्षण ले सकते हैं।
प्रशिक्षण लेने के बाद इस व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है। इस व्यवसाय को शुरू इसके लिए किसानों को मधुमक्खियों का बॉक्स खरीदना होगा।इसकी कीमत करीब चार हजार रुपए हैं।
मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में संलग्न चितरंजन कुमार बताते हैं कि यह किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। इसकी शुरुआत छोटे स्तर पर भी कर सकते हैं और इसमें कम पूंजी की जरूरत होती है।
8 से 10 लाख की हो सकती है कमाई
एक मधुमक्खी बॉक्स लगभग 3-4 हजार रुपए की आती है। इससे साल में करीब 30 किलो शहद निकाल सकते हैं। शहर की बाजार में कीमत 250-300 रुपए प्रति किग्रा है।

चितरंजन कुमार 15 वर्ष से अधिक समय से इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और सालाना 8 से 10 लाख का कमाई करते हैं। जानकर बताते हैं कि मधुमक्खियां जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं, इसलिए मधुमक्खियों को हमारे आस-पास रहना बेहद जरूरी है।
