Bihar Development: बिहार में बन रहा देश का सबसे लंबा सड़क पुल, ऐसा है नजारा
पुरे भारत के साथ साथ बिहार में भी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है। इसी क्रम में देश के सबसे लंबे सड़क पुल का भी निर्माण बिहार का शोक कहे जाने वाली कोसी नदी किया जा रहा है। बिहार में देश का सबसे लंबा सड़क पुल बनकर लगभग तैयार हो चूका है। जिसकी लेटेस्ट तस्वीरें सामने आ चुकी है।
इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद बिहार के नाम एक और कीर्तिमान होगा। जानकारी के लिए बता दे की यह भारत का सबसे बड़ा पुल होगा जिसकी लंबाई 10 किलोमीटर से भी अधिक होगी।आइए लेटेस्ट तस्वीरों के साथ इस पुल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।
बिहार में बन कर तैयार देश का सबसे लंबा सड़क पुल

गौरतलब है की फिलहाल भारत का सबसे बड़ा सड़क पुल असम का भूपेन हजारिका सेतु (Bhupen Hazarika Setu) है। इस पुल को ढोला-सदिया सेतु के नाम से भी जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना यह पुल 9.15 किमी से भी अधिक लंबा है।
लेकिन आपके जनरल नॉलेज को बढ़ाते हुए बता दे की अब इससे भी बड़ा पुल बिहार में बनकर लगभग तैयार है। बिहार का शोक कहे जाने वाले कोसी नदी पर इस पुल का निर्माण किया जा रहा है।
मधुबनी और सुपौल के बीच कोसी नदी पर बन रहा पुल
बिहार के मधुबनी के भेजा और सुपौल के बकौर के बीच कोसी नदी पर यह पुल बनाया जा रहा है। यह पुल असम के भूपेन हजारिका पुल (तस्वीर- भूपेन हजारिका पुल) से भी लगभग एक किलोमीटर अधिक लंबा है।
इस पुल का उद्घाटन साल 2023 के दौरान ही होना था, लेकिन कोरोना के कारण इसमें विलंब हो गया और अब मार्च 2024 में उद्घाटन संभावित है, लेकिन इसमें कुछ और देरी हो सकता है।
लागत राशि लगभग 1200 करोड़ तक
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 984 करोड़ की लागत राशि अब लगभग 1200 करोड़ तक पहुंच गई है। 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण कार्य की गति तेजी कर दी गई है।
इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। फिलहाल लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है,जो घटकर 70 किमी हो जाएगी।
इस कारण से यह देश का सबसे लंबा महासेतु
बता दें कि की राज्य की कोसी नदी अपनी धारा हमेशा बदलते रहती है। इसका पाट यानी दोनों धाराओं के बीच की दूरी बहुत ज्यादा रहती है। खास तौर पर बाढ़ के दौरान इसकी पाट और चौड़ी हो जाती है।
इसमें 3.1 किलोमीटर एप्रोच रोड का भी निर्माण किया जाना है। जिनमें बकौर की ओर से 2.1 किमी और भेजा की तरफ से करीब एक किमी एप्रोच रोड बनाया जा रहा है।
कोसी पर सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे इस महासेतु के सिरे के दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है। इस कारण से यह महासेतु देश का सबसे लंबा बन जाएगा।
भारतमाला प्रोजेक्ट फेज 5 के तहत 54 फीसदी काम पूरा
मालुम हो की भारतमाला प्रोजेक्ट फेज 5 के तहत बनाए जा रहे इस पुल का 54 फीसदी काम पूरा हो चुका है और इस साल इसके कम्प्लीट होने की पूर्ण संभावना है।
इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं, जिनमें से 166 पिलर का निर्माण पूरा किया जा चुका है। बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे।
इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है। एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी।
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है। इस पुल के निर्माण कार्य में दो एजेंसी लगी हुई है।
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