Internship To Be Compulsory In Four Years Of Graduation In Bihar

बिहार में 4 साल के ग्रेजुएशन में इंटर्नशिप होगा अनिवार्य, मिलेगी ऑनर्स और रिसर्च की डिग्री

बिहार में अगले कुछ सालों में स्नातक कोर्स का फ्रेमवर्क पूरी तरह से बदल जायेगा। यूजीसी ने नयी शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए विषय व पाठ्यक्रम से लेकर क्रेडिट का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। जिसे सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जायेगा।

इसे करिकुलर फ्रेमवर्क एंड क्रेडिट सिस्टम द फोर इयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम नाम दिया गया है। यूजीसी ने छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों के आधार पर तैयार करने के लिए कोर्स बनाया है। प्रोग्राम को रोजगार से जोड़ने के लिए वोकेशनल और इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है।

Draft of credits from subject and syllabus for four year undergraduate program
चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए विषय व पाठ्यक्रम से लेकर क्रेडिट का ड्रॉफ्ट तैयार

स्टूडेंट्स को मिलेगी ऑनर्स व रिसर्च की डिग्री

छात्रों को भारत की समृद्ध विरासत, पर्यावरण, भाषा, पड़ोसी समेत दुनिया के देशों के हालात व मुद्दों से लेकर साइबर सिक्योरिटी आदि की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी होगी। पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे में डिग्री और चौथे साल में ऑनर्स व रिसर्च की डिग्री मिलेगी। सात साल तक एंट्री व एग्जिट की सुविधा मिलेगी।

Student must take at least 40 credits
छात्र को कम-से-कम 40 क्रेडिट लेने अनिवार्य

हर साल छात्र को कम-से-कम 40 क्रेडिट लेने अनिवार्य होंगे। तीन साल की सामान्य डिग्री के लिए 120 क्रेडिट और चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम के लिए ऑनर्स व रिसर्च के साथ 160 क्रेडिट होने जरूरी होंगे। सातवें और आठवें सेमेस्टर में छात्र को ऑनर्स व रिसर्च का विकल्प मिलेगा।

चौथे, पांचवें व छठे सेमेस्टर में होगा एक मुख्य विषय

चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर में एक मुख्य विषय लेना होगा। दो छोटे, यानी माइनर सब्जेक्ट का विकल्प मिलेगा। माइनर सब्जेक्ट में से एक अनिवार्य वोकेशनल कोर्स होगा। मुख्य विषय 48 क्रेडिट और माइनर सब्जेक्ट 16-16 क्रेडिट के होंगे।

इसका मकसद डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई के साथ छात्रों को रोजगार से जोड़ना है। इसके अलावा एक अन्य माइनर सब्जेक्ट छात्र अपनी पसंद का चुन सकता है।

सफल छात्र सीधे पीएचडी के लिए होंगे पात्र

रिसर्च में रुचि रखने वाले छात्र बहु विषयक रिसर्च कर सकते हैं या अंतिम वर्ष में एकल विषय के साथ डिग्री पूरी कर सकते हैं। चार वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राम वाले छात्र सीधे पीएचडी के लिए पात्र होंगे।

छात्र को दिक्कतों का समाधान करने का कौशल, क्रिएटिव थिंकिंग, कम्युनिकेशन स्किल, लीडरशिप क्वालिटी समेत अन्य विषयों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है।

UGC designed curriculum to prepare students based on the needs of the 21st century
यूजीसी ने छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों के आधार पर तैयार करने के लिए कोर्स बनाया

तीन हिस्सों में बांटकर तैयार किया गया कोर्स

चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहले तीन सेमेस्टर में सभी छात्रों को कॉमन और इंट्रोडक्टरी कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई करनी होगी। कॉमन कोर्स के 24 और इंट्रोडक्टरी कोर्स के 18 क्रेडिट होंगे।

इसमें साइंस, थियेटर, डांस, आर्ट, म्यूजिक, साहित्य, भाषा, पर्यावरण, मानवीय मूल्य, भारत को जानो, प्राकृतिक विज्ञान, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवन कौशल, नागरिक के रूप में देश व समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी, कर्तव्य, अहिंसा, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों को शामिल किया गया है।

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