बिहार: 1997 में ही कटी बिजली, अब 17 करोड़ रुपये का थमाया बिल
बेला इंडस्ट्रियल एरिया के फेज-एक में जार्ज फर्नांडिस के प्रयास से स्थापित इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (आइडीपीएल) अब अस्तित्व में नहीं है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानि बियाडा बंद पड़ी इस फैक्ट्री की 65 एकड़ जमीन वापस ले ली है।
65 एकड़ में से 25 एकड़ भूमि प्लग एंड प्ले यूनिट के लिए दे दी गई। बाकी 40 एकड़ जमीन में उद्योग लगाने की योजना है। ऐसे में इस पर बिजली विभाग 17 करोड़ रुपये बिल बकाया बता रहा है। जानिए पूरा मामला।
1997 में ही कटी बिजली
दरअसल चार अप्रैल 1979 में आइडीपीएल को दो हजार केवीए का कनेक्शन मिला था। इसके चलने पर बिजली बिल का पेमेंट होता गया। फैक्ट्री बंद होने के बाद भी काफी दिनों तक बिजली बिल भुगतान किया जाता रहा मगर 25 साल पहले एक करोड़ 70 लाख बकाया हो गया।
बिल जमा नहीं होने के कारण 9 जनवरी 1997 को बिजली काट दी गई। दो साल मौका देने के बाद भी बकाए बिल की राशि नहीं मिली तो विभाग ने 1999 में आइडीपीएल पर सर्टिफिकेट केस दायर कर दिया।
अभी तक नहीं हुआ पैसे का भुगतान
मुजफ्फरपुर अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश के अनुसार नीलामवाद दायर होने के बाद वह मामला सब ज्यूडिस हो जाता है। 4 करोड़ 59 लाख लाख 29 हजार 382 रुपये बकाए की राशि पर कार्रवाई की गई। अभी तक बियाडा या किसी केंद्र या राज्य सरकार की ओर से इस पैसे को जमा नहीं किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडिस ने 1970 में बेला में आइडीपीएल की नींव रखी गई थी। 1994 में इसका नाम बदलकर बिहार ड्रग्स औद्योगिक केमिकल लिमिटेड कर दिया गया था।
शुरुआत के दिनों में विटामिन बी-3 कंपोजीशन, एसिटिक एसिड और दवाओं के लिए रा मैटेरियल तैयार किया जाता था। कई बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां से रा मैटेरियल खरीदती थीं। अप्रैल 1996 में यह पूरी तरह से बंद हो गई।