भारत-नेपाल के बीच लकड़ी और कोयले से चलती थी ट्रैन, अब म्यूजियम बनाने की तैयारी
भारत और नेपाल के बीच नैराे गेज लाइन पर काेयला और लकड़ी से चलने वाली 20वीं सदी की ट्रेन जयनगर से 8.6 किमी दूर नेपाल के खजूरी स्टेशन परिसर में करीब 42 वर्षों से धूल फांक रही है। देखरेख के अभाव में यह पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। जयनगर-जनकपुर नैरो रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन का मेंटनेंस और रखरखाव खजूरी स्टेशन पर होता था। इसके लिए खजूरी स्टेशन पर कारखाना बना था जहां ट्रेन के पार्ट-पुर्जे से लेकर अन्य सामान बनाए जाते थे।
वर्तमान में जर्जर कारखाने की रखवाली कर रहे मो. सैलून ने बताया कि देखरेख के अभाव में सारी चीजें जर्जर हो गई है। 8 इंजन जर्जर पूरी तरह से जर्जर हाे चुकी है। आपको बता दें कि करीब 1980 तक इन नैरो लाइन पर कोयला ईंधन से ट्रेन का परिचालन होता था। कोयला की कमी होने पर लकड़ी या कोयला और लकड़ी ईंधन से दोनों देशों के बीच ट्रेन का परिचालन होता था।
![Kayla and wood-powered 20th century train on the Naira gauge line between India and Nepal](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Kayla-and-wood-powered-20th-century-train-on-the-Naira-gauge-line-between-India-and-Nepal.jpg)
आजादी से पहले चलती थी ट्रैन
85 साल पहले जयनगर से बिजलपुरा के बीच रेल सेवा शुरू हुई थी। तब देश आजाद भी नहीं हुआ था। नेरोगेज पर रेंगने वाली कोयला, लकड़ी से चलने वाली ट्रेन पटरी पर रेंगा करती थी। 29 किमी जनकपुर तक की दूरी उस जमाने में तीन से तीन घंटे में तय होती थी। तब यही रेंगती रेल सेवा दोनों देशों के संबंधों के बंधन को बांध कर चल रही थी।
![Rail service between Jayanagar and Bijalpura was started in 1937.](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Rail-service-between-Jayanagar-and-Bijalpura-was-started-in-1937..jpg)
म्यूजियम में रखा जायेगा पुराना इंजन और सामान
1937 में जयनगर और नेपाल के विजलपुरा के बीच 53 किमी में नैरो गेज पर ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ था। 2001 में आई भीषण बाढ़ में विजलपुरा से जनकपुर के मध्य रेलखंड ध्वस्त हो गया। इसके बाद जयनगर-जनकपुर के बीच 29.5 किमी रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन होती थी।
![Old engine and stuff will be kept in the museum](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Old-engine-and-stuff-will-be-kept-in-the-museum.png)
अमान परिवर्तन को लेकर 2014 से जयनगर-जनकपुर रेलखंड पर ट्रेन सेवा बंद थी। वहीं, नेपाल रेलवे के जीएम निरंजन झा ने बताया कि म्यूजियम बनाया जाएगा। म्यूजियम में पुरानी इंजन व सामान रखा जाएगा।
भारत और नेपाल के बीच एक बार फिर ट्रेन सेवा शुरू
![Train service started once again between India and Nepal](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Train-service-started-once-again-between-India-and-Nepal.png)
जैसा की ज्ञात है भारत और नेपाल के बीच आठ साल बाद फिर एकबार ट्रेन सेवा बहाल हो चुकी है। जयनगर-कुर्था रेलखंड पर शनिवार से ट्रेनों का परिचानल शुरू किया जा चूका है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम शेरबहादुर देउबा संयुक्त रूप से इसका शुभारंभ किया था। 2 अप्रैल को उद्घाटन के दिन ये ट्रेन रिजर्व थी और कुछ विशेष लोगों को ही यात्रा की अनुमति मिल पायी थी। जबकि आम लोगों को यात्रा की सुविधा 3 अप्रैल से मिल रही है।