बिहार से वापस जाना हुआ मुश्किल, दिल्ली-मुंबई के लिए नहीं मिल रही कन्फर्म सीट, जानिए
किसी तरह दीपावली-छठ पर अपने गांव आये परदेसियों के लिए वापस काम पर जाना बहुत मुश्किल हो गया है। आरक्षण मिल नहीं रहा। तत्काल टिकट के लिए भी इंतज़ार करनी पड़ रही है।
रेलवे की ओर से दी गयी स्पेशल ट्रेन की स्थिति तो इतनी ख़राब है कि कब आयेगी और कितने दिन बाद गंतव्य तक पहुंचायेगी, यह निश्चित नहीं रहता। लिहाजा इन गाड़ियों में लोग यात्रा करना नहीं चाहते है। लेकिन स्पेशल ट्रेनों के आरक्षण भी पहले से फुल है।
लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षण फुल
रेल प्रशासन बस जुर्माना वसूल कर अपना खजाना भरने में लगी है। दीपावली एवं छठ पर बड़ी संख्या में परदेसी परिजनों संग त्योहार मनाने के लिए घर आये थे। त्योहार संपन्न करने के बाद अब वापस जाने का कोई साधन नहीं मिल रहा।
प्राय: लंबी दूरी की ट्रेनों में दिसंबर महीने तक आरक्षण फुल चल रहा है। ऐसे में यात्रियों के लिए काम पर पहुंच पाना काफी कठिन हो गया है।
तत्काल टिकट तीसरे मांग पत्र पर भी नहीं मिलता है
सामान्य आरक्षण फुल होने तथा वेटिंग टिकट की लंबी सूची रहने के कारण यात्रियों के सामने तत्काल टिकट एक मात्र विकल्प है। इसके लिए दरभंगा जंक्शन, लहेरियासराय स्टेशन, सकरी जंक्शन सहित अन्य स्टेशनों पर यात्री रातजागरण कर रहे हैं।
इसके बावजूद भी टिकट नहीं मिल पाती। कारण, बमुश्किल दूसरे मांग पत्र पर तत्काल टिकट कन्फर्म मिल पाता है। इसके बाद वेटिंग आ जाता है।
छठ के बाद मुश्किल वापस लौटना
तीसरे मांग पत्र पर न तो स्लीपर श्रेणी में आरक्षण मिल रहा है और न ही एसी कोच के लिए ही। जिस वजह से कई दिनों तक यात्रियों को पूरा दिन और पूरी रात तत्काल टिकट की कतार में गुजारनी पड़ रही है।
सबसे अधिक भीड़ दिल्ली व मुंबई के लिए
यूं तो लंबी दूरी की तमाम गाड़ियों में भीड़ है, लेकिन सर्वाधिक टिकट की डिमांड दिल्ली व मुंबई की ओर जाने वाली गाड़ियों की है। इसमें संपर्क क्रांति एवं स्वतंत्रता सेनानी में टिकट मिल पाना बहुत मुश्किल है। मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस का भी यही हाल है। इन गाड़ियों में दिसंबर के दूसरे सप्ताह के बाद सामान्य रूप से आरक्षण मिल रहा है।