first forestry college of bihar to open in munger

बिहार में बन रहा पहला वानिकी महाविद्यालय, राज्य के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, देखे तस्वीरें

बिहार (Bihar) को पहले वानिकी कॉलेज (Bihar First Forestry College) की सौगात बहुत जल्द ही मिलने वाली है। इस कॉलेज का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। इस कॉलेज का उद्घाटन जल्द ही होने की संभावना है। यह देश का दूसरा और बिहार का पहला वानिकी कॉलेज होगा। बिहार का पहला वानिकी कॉलेज अपने ढंग का अलग कॉलेज होगा। कॉलेज न सिर्फ पर्यावरण, कृषि के शिक्षा का एक आधुनिक केंद्र होगा बल्कि इसकी सुंदरता और व्यवस्था देखते ही बनेगी।

Construction work of Bihar Forestry College is now in its final stage
बिहार वानिकी कॉलेज का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में

बता दें कि 25 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा पुल के पास पत्र के समीप 96 एकड़ में बने रहे वानिकी कॉलेज का शिलान्यास किया था। मुंगेर में गंगा पुल के पास बन रहा यह वानिकी कॉलेज 96 एकड़ में विस्तारित है। कॉलेज को इको फ्रेंडली और भूकंपरोधी बनाया जा रहा है। इसके निर्माण पर 231 करोड़ 83 लाख 32 हजार की लागत संभावित है।

Bihar First Forestry College
बिहार का पहला वानिकी महाविद्यालय

देश-दुनिया के लोगों का ध्यान करेगी आकृष्ट

इसकी आधारभूत संरचना भी देश-दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करेगी। योग विद्यालय की तरह इसकी भव्यता और सुंदरता को देखकर भी लोग मुग्ध होंगे। वानिकी कालेज में एमएससी फारेस्ट्री, बीएससी फारेस्ट्री, एमएससी पर्यावरण विज्ञान में सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई होगी। राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इसके लिए छात्रों का चयन किया जाएगा।

Countrys second and Bihars first forestry college
देश का दूसरा और बिहार का पहला वानिकी कॉलेज

जल्द होगा उद्घाटन

वानिकी कॉलेज में शीघ्र ही देश भर के शोधार्थी शोध करेंगे। इस वानिकी कॉलेज में शोधार्थियों के लिए शोधार्थी भवन, वैज्ञानिकों के लिए क्लास रूम, प्रयोगशाला, आवास का लगभग कार्य पूरा कर लिया गया। अगर अब कुछ सही से चला तो दो से तीन महीने के भीतर ही इसका उद्घाटन हो सकता है।

Forestry College under Bihar Agricultural University, Sabour
वानिकी कालेज बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन

वानिकी कालेज बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन है। कॉलेज में प्राचार्य शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। कॉलेज के अस्तित्व में आने से मुंगेर ही नहीं, बल्कि राज्यभर में वानिकी को बढ़ावा मिलेगा। युवा पीढ़ी वन विकास के लिए प्रेरित होंगे।

मील का पत्थर साबित होगा कॉलेज

यह कॉलेज पर्यावरण और कृषि का एक ऐसा आधुनिक केंद्र है, जिसकी सुंदरता और इसकी व्यवस्था बेहद खूबसूरती और बारीकी से की गई है। मुंगेर विधायक प्रणव कुमार ने बताया कि कॉलेज के बन जाने से यहां से बाहर जाने वाले छात्रों का पलायन रुकेगा और यह कॉलेज मुंगेर को एक बड़ी उपलब्धि प्रदान करेगा।

Forestry College Modern Center for Environment and Agriculture
वानिकी कालेज पर्यावरण और कृषि का आधुनिक केंद्र

रिटायर्ड प्रोफेसर मंसूर अहमद नियाजी ने बताया कि वनों को विकसित करना और वनों का प्रबंधन करना ही फॉरेस्ट्री है। फॉरेस्ट्री की पढ़ाई में यह कॉलेज मील का पत्थर साबित होगा। यहां छात्र कई प्रकार के शोध कर सकेंगे। कृषि के क्षेत्र और वन के क्षेत्र में अब बच्चों को कहीं दूर जाकर पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।

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