500 युवाओ का ये ग्रुप जरूरतमंदो को ब्लड डोनेट करने के लिए रहते है तैयार, अब तक बचा चुके है 5000 की जान
इंसानियत ही इंसान को हमेशा जिंदा रखती है। इंसान अगर कुछ करने को ठान ले तो उसे वोह कर दिखता है। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है फुलवारीशरीफ में युवाओं की एक टीम ने, जो मुफ्त में रक्तदान कर के दुसरो की जिंदगी बचाने के लिए हर समय तैयार रहते हैं।
कॉलेज में पढ़ने वाले यह छात्र छात्राएं देखने में साधारण से एक युवा है, लेकिन इनका काम बहुत बड़ा है। इनलोगों की टीम ने अब तक तकरीबन 5000 लोगों को नि:स्वार्थ रक्तदान कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं।
2017 में शुरू की UNITED BLOOD BANK SOCIETY
पढ़ाई के ही दौरान 8 से 10 दोस्तों ने मिलकर उनलोगों के लिए रक्त दान कराना शुरू किए जो इलाज के लिए दूसरे राज्य या बिहार के अलग-अलग जिलों से पटना आते थे और ब्लड की जरूरत पड़ने पर परेशान रहते थे। ऐसे लोगों के सेवा के लिए 6 लोगों की टीम बनाई और फिर 2017 में UNITED BLOOD BANK SOCIETY बनाया।
वर्ष 2017 से वर्तमान समय तक इन लोगों की टीम ने 5000 से ज्यादा लोगों को ब्लड देकर उनकी जिन्दगी बचा चुके हैं। इन 10 लोग ने एक समूह को शुरू किया था और आज इनके पास 6 टीमों में 500 एक्टिव लोग हो चुके हैं, जो पूरे तरह से निःशुल्क सेवा करते हैं।
आज पटना के सरकारी हो या बड़े छोटे निजी अस्पताल, इनके टीम के लोग सभी अस्पतालों में ब्लड डोनेट करते हैं और जरूरतमंदों को मदद करते रहते हैं। जब भी किसी को ब्लड की जरूरत पड़ी और इन्हें पता चला है तो इनकी टीम उन जरूरतमंद परिवारों के पास पहुंच जाती है।
यह टीम जरूरतमंदों की हर संभव मदद करती है
अगर किसी इंसान को ब्लड की जरूरत पड़ी और इनके टीम मेंबर को जानकारी हुई कि सही में इस इंसान को जरूरत है इनका कोई सहयोग करने वाला नहीं तो टीम के एक्टिव मेंबर अपने लेटर पैड पर अनुशंसा कर देते हैं। अस्पताल वाले इनके अनुसंशा पर बेगर डोनर को ब्लड दे देते हैं, यह बहुत ही बड़ी बात है।
पूछे जाने पर युवाओं की टोली ने कहा कि हमलोगों के द्वारा एक टीम बनाकर अस्पताल में ब्लड डोनेट किया जाता है, और जरूरतमंदों को मुफ्त में ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे वक्त में जब किसी मरीज को खून की जरूरत पड़ने पर जब करीबी भी अपना हाथ पीछे खींच लेते हैं। ऐसे मुश्किल समय में हम लोग काम आते हैं और उन लोगों की मदद करते हैं।
बेहतर इंसान वही है जो जरूरतमंदों की मदद करे
युवाओं का कहना है कि जिंदगी और मौत देने वाला ऊपर वाला होता है। हमलोग तो मदद करने का एक जरिया हैं। बेहतर इंसान वही है जो जरूरतमंदों की मदद करे। वहीं, मोहम्मद नईमउद्दीन ने कहा कि मेरी भतीजी की ब्लड के कारण मौत हो गई थी, इसी को देखते हुए हम इस टीम के साथ जुड़े और उस वक्त से ही हम लोग जरूरतमंदों को ब्लड देते आ रहे हैं।
मोहम्मद नईम ने आगे कहा कि अगर मेरे एक बूंद खून से किसी की जिंदगी बच जाती है तो मैं बेशक इस कार्य में आगे रहता हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा धर्म कभी भी मेरे इस कार्य में नहीं आया। उन्होंने कहा जरूरतमंद को जान दिखती हैं धर्म या जाति नहीं दिखती।
अधिकारियों ने इस कार्य की, सराहना
जब इन युवाओं की टोली के द्वारा अस्पताल में ब्लड डोनेट करने की बात को अस्पताल में बने ब्लड बैंक के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने इनके द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। कर्मियों ने कहा कि अगर एक बूंद खून से किसी इंसान की जिंदगी बच सकती है तो आज के दिन इससे बड़ा कोई कार्य हो ही नहीं सकता।